Ajay Devgn की De De Pyaar De 2 के ये 5 सीन आपको फिल्म देखने पर कर देंगे मजबूर
De De Pyaar De 2 इस समय दर्शकों की पहली पसंद बनी हुई है और भारी संख्या में लोग इसे सिनेमाघरों में देखने पहुंच रहे हैं। अपनी चुटीली हंसी-मज़ाक, दिल से जुड़ी पारिवारिक कहानी और हल्के-फुल्के मनोरंजन के साथ फिल्म पहले भाग की सारी खूबियों को और भी ज़्यादा मज़ेदार रंग में वापस लाती है। कहानी तब आगे बढ़ती है जब आशिष (Ajay Devgn) अयेशा (Rakul Preet Singh) के घर पहुंचता है, जिसके बाद कई मज़ेदार, अटपटे और बिल्कुल अप्रत्याशित पल शुरू होते हैं। आइए जानते हैं वे 5 पक्की वजहें, जिनकी वजह से दे दे प्यार दे 2 बड़े पर्दे पर देखने लायक बनती है...
Ajay Devgn और R. Madhavan की मज़ेदार तकरार
Ajay Devgn और R. Madhavan की बातचीत पूरे फिल्म में ताज़गी, मज़ाक और सहज हास्य से भरी हुई है। दोनों के बीच होने वाली नोकझोंक देखने वालों को लगातार हंसाती रहती है। फिल्म में एक दिलचस्प इशारा उनकी पिछली फिल्म शैतान की ओर भी है, जहां Ajay Devgn Madhvan की बेटी पर काबू करने की कोशिश में था, वहीं इस बार हालात उलट जाते हैं और अजय देवगन “माधवन की बेटी” को लेकर जा रहा है। इस उलटफेर को फिल्म हल्के और मज़ेदार अंदाज़ में पेश करती है, जो दर्शकों को खूब भाता है।
Ajay Devgn और Jaaved Jaaferi की शानदार जुगलबंदी
Ajay Devgn और Jaaved Jaaferi एक बार फिर बेहतरीन टीम बनाते हुए नज़र आते हैं। दोनों का हास्य-बोध, बातचीत की लय और एक-दूसरे के साथ की सहजता कई ऐसे पल रचती है जो देखने में बड़े सुखद लगते हैं। इन दोनों की जुगलबंदी फिल्म में हल्कापन और गर्मजोशी दोनों जोड़ती है।
Jaaved Jaaferi और Meezaan का धमाकेदार नृत्य-मुकाबला
फिल्म के सबसे मनोरंजक हिस्सों में से एक है जावेद जाफरी और Meezaan का ऊर्जावान नृत्य-टक्कर, गीत “तीन शौक” पर, जिसे करण औजला और अव्वी स्रा ने गाया है।
जावेद जाफरी—जिन्होंने बूगी-वूगी के ज़रिये पूरी पीढ़ी को नृत्य का सही अर्थ सिखाया—उन्हें एक बार फिर वही आत्मविश्वास और पुराने जमाने वाली नफ़ासत के साथ नाचते देखना दर्शकों के लिए खास तोहफा है। दूसरी ओर Meezaan अपने युवा जोश और आधुनिक अंदाज़ के साथ कदम मिलाता है। पिता-पुत्र की यह टक्कर फिल्म का बड़ा आकर्षण बन जाती है।
Rakul Preet Singh का मजबूत और प्रभावी अभिनय
Rakul Preet Singh इस फिल्म में अपने किरदार में आकर्षण, आत्मविश्वास और भावनात्मक गहराई तीनों लाती हैं। फिल्म उन्हें हल्के, रोमांटिक और संवेदनशील पलों को निभाने का पूरा मौका देती है, और वे हर दृश्य में सहजता से चमकती हैं। दर्शक उनके मीठी छुरी वाले अंदाज़ को खूब सराह रहे हैं।
भावनाओं और सरप्राइज़ से भरा दमदार अंतिम हिस्सा
फिल्म का आख़िरी आधा घंटा कई अप्रत्याशित मोड़ों, दिल को छू लेने वाले दृश्यों और गहराई वाले क्षणों से भरा हुआ है। दर्शक और समीक्षक दोनों इस बात को पसंद कर रहे हैं कि कैसे अंत में कहानी खूबसूरती से सुलझती है और साथ ही कुछ ऐसे पल भी छोड़ जाती है जो याद रह जाते हैं। यह अंतिम हिस्सा फिल्म को एक संतोषजनक और असरदार अनुभव बनाता है।
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