नेताओं की तिजोरी भर रहा कर्ज में डूबा पाकिस्तान, 500 प्रतिशत बढ़ाया वेतन
कर्ज में डूबे पाकिस्तान में नेताओं की वेतन वृद्धि पर सवाल
पाकिस्तान की सरकार ने आर्थिक संकट के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में स्पीकर और सीनेट चेयरमैन के वेतन में 500 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह कदम आलोचनाओं के घेरे में है क्योंकि देश कर्ज और महंगाई से जूझ रहा है। जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ रहा है जबकि नेताओं की तिजोरी भर रही है।
वित्तीय संकट और महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने एक और चौंकाने वाला फैसला लिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक और सीनेट चेयरमैन यूसुफ रजा गिलानी का वेतन 500 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
अब दोनों शीर्ष संवैधानिक पदाधिकारियों को हर महीने 13 लाख पाकिस्तानी रुपए वेतन मिलेगा, जबकि पहले यह राशि केवल 2.05 लाख रुपए थी।
पिछले कुछ महीनों में शरीफ सरकार ने मंत्रियों, सलाहकारों, सांसदों और अब स्पीकर और चेयरमैन के वेतन में भारी बढ़ोतरी की है। मार्च में कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों के वेतन में 188 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। वहीं, सांसदों और सीनेटरों के लिए 5.19 लाख रुपए मासिक वेतन स्वीकृत किया गया था।
यह सब उस वक्त हो रहा है जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कर्ज, राजनीतिक अस्थिरता, बेरोजगारी, महंगाई और ईंधन तथा बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी से त्रस्त है। आम जनता को जहां कमर कसने की सलाह दी जा रही है, वहीं सरकार अपने ही खर्च बढ़ा रही है।
शरीफ सरकार की आलोचना करते हुए इस्लामाबाद के एक स्थानीय निवासी ने कहा, “पहले तो ये लोग कमर कसने और सादगी की बात करते हैं, फिर खुद ही कैबिनेट मंत्रियों की संख्या बढ़ाते हैं और उनका वेतन भी आसमान पर पहुंचा देते हैं। आम जनता पर टैक्स का बोझ और खुद पर ऐश, ये तो हद है!”
बता दें कि शरीफ सरकार ने जब सत्ता संभाली थी, तब कैबिनेट में केवल 21 सदस्य थे, जिसे बढ़ाकर अब 51 सदस्यों तक कर दिया गया है।
देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बीच यह वेतन वृद्धि आम जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी लग रही है। आलोचकों का कहना है कि अगर यही ‘आर्थिक सुधार’ का रास्ता है, तो पाकिस्तान को मुश्किलों से उबरने में लंबा वक्त लग सकता है।
बकरीद के मौके पर पाकिस्तान ने फिर दिखाई नापाक हरकत, कश्मीर को लेकर दिया ये बयान