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कोविड-19 महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में आयी है गिरावट, एकजुटता से ही जीती जाएगी जंग: हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड​​-19 महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी है और इसमें सुधार तभी आएगा जब दुनिया मिलकर इस महामारी को परास्त करेगी।

10:29 PM May 20, 2021 IST | Ujjwal Jain

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड​​-19 महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी है और इसमें सुधार तभी आएगा जब दुनिया मिलकर इस महामारी को परास्त करेगी।

कोविड 19 महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में आयी है गिरावट  एकजुटता से ही जीती जाएगी जंग  हर्षवर्धन
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड​​-19 महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी है और इसमें सुधार तभी आएगा जब दुनिया मिलकर इस महामारी को परास्त करेगी।
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राष्ट्रमंडल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की 33वीं बैठक के खुले सत्र की अध्यक्षता करते हुए हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि ‘‘कोई भी देश खुद को अलग रखकर सुरक्षित नहीं रह सकता है।’’इस बैठक का विषय ‘‘कोविड-19 पर राष्ट्रमंडल की प्रतिक्रिया : टीके पर सभी की समान पहुंच सुनिश्चित करना तथा स्वास्थ्य प्रणाली एवं आपात स्थितियों के लिए प्रतिरोध तंत्र का निर्माण’’ है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया है, ‘‘इस महामारी से निपटने का खर्च पहले ही सैकड़ों अरब डॉलर में चला गया है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट आयी है। इसमें सुधार थोड़ा कठिन हो सकता है और इसमें तेजी तभी आएगी जब पूरी दुनिया इस महामारी को मिलकर परास्त करेगी।’’
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मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक को संबोधित किया और महामारी को लेकर आगे की राह पर अपने विचार साझा किए।उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि यदि किसी भी देश या क्षेत्र में खतरा बना रहता है, तो इसके पूरे विश्व में फैलने की क्षमता होती है। कोई भी देश अलग रहकर सुरक्षित नहीं रह सकता।’’
कोविड​​​​-19 से निपटने के लिए वैश्विक रणनीति पर भारत के रुख के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रोकथाम रणनीति बड़े पैमाने पर आबादी के व्यापक टीकाकरण के साथ-साथ शुरुआती जांच, पृथक करने और मामलों के उपचार के आधार पर बनाई गई है।
मंत्री ने कहा कि हालांकि, महामारी को प्रभावी ढंग से समाप्त करने के लिए कोविड​​​​-19 के और अधिक टीकों को विकसित करने की आवश्यकता है और इनके एक बार वायरस के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावशील साबित होने के बाद उन्हें दुनिया भर में इस्तेमाल के लिए तेजी से तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व वाली पहल ‘एक्सेस टू कोविड-19 टूल्स (एसीटी) एक्सेलेरेटर’ एक अभूतपूर्व वैश्विक सहयोग साबित हुआ है, जो कोविड-19 की जांच, इलाज और टीकों के विकास, उत्पादन और समान पहुंच में तेजी ला रहा है।
मंत्री ने सदस्य प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि भारत ने अपनी ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत 90 से अधिक देशों को कोविड-19 के टीके प्रदान किए हैं और अधिक प्रयास करने के लिए सभी भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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