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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आठवें समन के बाद भी सोमवार को पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए और 12 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेशी की इच्छा जताई। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी केजरीवाल के जवाब की समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी केजरीवाल को डिजिटल माध्यम से पेश होने की अनुमति नहीं दे सकती और पूछताछ के लिए उन्हें नौवां समन जारी कर सकती है।
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि कानून में लिखा है कि ईडी की कार्यवाही न्यायिक कार्यवाही की तरह है। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि एजेंसी एक अदालत की तरह है। अदालत में, किसी भी पक्ष को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित होने की अनुमति है। अगर मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए कह रहा हूं, जो मेरा अधिकार है, तो मुझे उम्मीद है कि वे इसकी अनुमति देंगे। मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर एजेंसी ऐसा निर्णय लेती है तो उन्हें अपनी पेशी की लाइव स्ट्रीमिंग पर कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, यह मेरी मांग नहीं है। लेकिन, अगर ईडी ऐसा चाहती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि उनका मानना है कि ईडी की ओर से उन्हें भेजा गया समन अवैध है, लेकिन फिर भी वह वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उसके सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, हमने कुछ भी गलत नहीं किया है और न ही छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उन्होंने जो कारण बताए हैं, उनके आधार पर उच्च न्यायालय ने अन्य मामलों में ईडी के नोटिस रद्द किए हैं।
उन्होंने दावा किया, “अगर उन्हें रद्द कर दिया गया है, तो इस मामले में भी यह (आबकारी नीति मामले में ईडी के नोटिस) भी अमान्य हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी का इरादा लोकसभा चुनाव के बीच में केजरीवाल को गिरफ्तार करने का है। केजरीवाल ने ईडी के कई समन को नजरअंदाज कर दिया है, उन्हें अवैध बताया है और मामला अदालत में लंबित होने का हवाला देकर एजेंसी से प्रतीक्षा करने के लिए कहा है। निर्वाचन आयोग ने अप्रैल-मई में संभावित, चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है।
सूत्रों ने कहा कि ईडी को अपने नवीनतम जवाब में केजरीवाल ने कहा है कि समन अवैध हैं लेकिन फिर भी वह जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। केजरीवाल को 16 मार्च को शहर की एक अदालत के सामने भी पेश होना है। अदालत ने समन को नजरअंदाज करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एक शिकायत के मामले में केजरीवाल से व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। आप ने मांग की कि निदेशालय केजरीवाल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूछताछ करे और इसका सीधा प्रसारण किया जाए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें और कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए। तिवारी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘वह (केजरीवाल) दिल्ली के बच्चों को किस तरह का संदेश दे रहे हैं? मेरा मानना है कि उन्हें और कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए। अब उनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता हरीश खुराना ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के समन का पालन नहीं करके कानून का अपमान किया है। खुराना ने कहा, ‘‘वह (केजरीवाल) अब कह रहे हैं कि वह 12 मार्च को डिजिटल माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होंगे। अगर वह डिजिटल माध्यम से पेश होना चाहते हैं तो वह आज भी ऐसा कर सकते हैं।’’ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री एवं ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के कई मंत्री और प्रवक्ता दावा कर रहे हैं कि केजरीवाल जवाब देने से बच रहे हैं लेकिन ‘आप’ कहती रही है कि मुद्दा सवाल नहीं, बल्कि उनकी गिरफ्तारी है।