दिल्ली सरकार ने एक जनवरी तक पटाखों पर लगाया बैन, कपिल मिश्रा ने बताया - त्यौहार रोकने की साजिश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
06:41 PM Sep 07, 2022 IST | Ujjwal Jain
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
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पर्यावरण मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
उन्होंने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि प्रतिबंध कब प्रभावी होंगे। राय ने ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री/डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।’’
मंत्री ने कहा कि प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और राजस्व विभाग के साथ एक कार्य योजना तैयार की जाएगी।दिल्ली सरकार ने पिछले साल भी 28 सितंबर से एक जनवरी 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर दिल्ली सरकार को घेरा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रही है और अब पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर “दिखावा” कर रही है।
उन्होंने ट्वीट किया, “अदालत में साबित हो गया पटाखे प्रदूषण का स्रोत नहीं…। वैज्ञानिक रिपोर्ट्स में आ गया कि पटाखे प्रदूषण का स्रोत नहीं…। लेकिन जब केजरीवाल सरकार दिल्ली में प्रदूषण रोकने में फेल हो गयी तो सिर्फ़ पटाखों को प्रतिबंधित करके दिखावा क्यों? जनता यह प्रतिबंध नहीं मानेगी।”
बीते बरस पटाखे जलाने से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए शहर की सरकार ने ‘‘पटाखे नहीं, दिए जलाओ’’ अभियान भी शुरू किया था।पटाखों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों और विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी।
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