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Delhi News : बिजली दरों में वृद्धि और लोगों के सामने आ रही पानी की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर उतर आए। पश्चिम दिल्ली से भाजपा के लोकसभा सदस्य कमलजीत सहरावत के नेतृत्व में 220 केवी ग्रिड सब-स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं को चांदनी चौक इलाके में भी दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते देखा गया।
Highlight :
इस साल फरवरी में, दिल्ली सरकार ने डिस्कॉम द्वारा बिजली खरीद समायोजन शुल्क में संशोधन किया, जिसके परिणामस्वरूप घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में 6 से 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मूल्य वृद्धि के बारे में भाजपा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर अपने लाभ के लिए डिस्कॉम के साथ साजिश करने का आरोप लगाया। दिल्ली की बिजली मंत्री और आप नेता आतिशी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी ने अफवाहें फैलाकर जनता को गुमराह किया है कि बिजली की कीमतों में वृद्धि के लिए पीपीएसी जिम्मेदार है।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार का लक्ष्य केवल निजी स्वार्थों की पूर्ति करना है, इससे आगे आप सरकार ने कभी सोचा ही नहीं। वर्ष 2014 में जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन था, तब तत्कालीन दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय जी, आरडब्लूए के प्रतिनिधिमंडल के साथ तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल के पास गए थे और बिजली वितरण कंपनियों से बात कर पीपीएसी पर रोक लगवा दी थी, जिसके कारण अगस्त 2014 से सितंबर 2015 के आसपास दिल्ली में बिजली बिलों में पीपीएसी लागू नहीं हुआ था। लेकिन केजरीवाल सरकार ने अपने भ्रष्टाचार को बढ़ाने और घोटाला तंत्र को चलाने के लिए दिल्ली में पीपीएसी को फिर से लागू कर दिया और दिल्ली में बिजली दरों की गणना के लिए बिजनेस रेगुलेशन प्लान का हिस्सा बनाकर केजरीवाल सरकार ने इसे संवैधानिक संरक्षण दे दिया है।
उन्होंने यह भी पूछा कि पीपीएसी वर्ष 2015 में 1.5 प्रतिशत से बढ़कर अब 46 प्रतिशत कैसे हो गया। उन्होंने कहा, आज पेंशन सरचार्ज जो 2015 में 1% था, वह बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गया है, तथा मीटर चार्ज और लोड सरचार्ज भी 10 वर्षों में तीन गुना बढ़ गया है। दिल्ली में हमारे नागरिकों की स्थिति को देखते हुए आज दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ता और आम लोग भारी संख्या में मौजूद थे। केजरीवाल और आतिशी को जवाब देना चाहिए कि पीपीएसी 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत कैसे हो गया।