'गला घोंटकर की हत्या, फिर तेल-घी डालकर लगा दी आग...', अमृता ने लिव-इन पार्टनर को ऐसे मारा, सुनकर कांप जाएगी आपकी रूह
Gandhi Vihar Murder Case: दिल्ली के गांधी विहार में UPSC की तैयारी कर रहे रामकेश मीणा की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जो घटना पहले हादसा लग रही थी, वह अब हत्या का मामला निकली। पुलिस ने मृतक की लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान, उसके पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप, और उनके दोस्त संदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले हैं।
Gandhi Vihar Murder Case: आग से मौत या हत्या की साजिश?
घटना 6 अक्टूबर की है। गांधी विहार की चौथी मंजिल पर आग लगने की खबर मिलने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। आग बुझने के बाद कमरे से झुलसा हुआ शव मिला, जिसकी पहचान रामकेश मीणा के रूप में हुई। शुरुआती जांच में इसे एसी ब्लास्ट से हुई दुर्घटना माना गया, लेकिन कमरे की स्थिति और शव की हालत ने पुलिस को शक में डाल दिया।
Delhi UPSC Aspirant Murder: CCTV ने खोले राज
पुलिस ने बिल्डिंग के CCTV फुटेज खंगाले तो सच्चाई सामने आने लगी। 5 अक्टूबर की रात दो नकाबपोश युवक इमारत में दाखिल होते दिखे। करीब 2 बजकर 57 मिनट पर एक युवती उन दोनों में से एक के साथ बाहर निकलती नजर आई। कुछ ही मिनटों बाद कमरे में आग लग गई। जब पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो अमृता का मोबाइल लोकेशन उसी इलाके में मिला। फोन बंद होना और घटनास्थल के आसपास मौजूदगी ने पुलिस को उस पर शक गहरा दिया। बाद में पुलिस ने कई छापेमारियां कर 18 अक्टूबर को अमृता को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने पूरा अपराध कबूल लिया और अपने दोनों साथियों के नाम बताए।

UPSC Student Murder Delhi: हत्या की वजह क्या थी?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अमृता और रामकेश के बीच संबंधों में तनाव चल रहा था। अमृता ने बताया कि रामकेश ने उसकी आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड कर रखी थी और उन्हें डिलीट करने से मना कर दिया था। इसी बात से गुस्से में आकर उसने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित कश्यप को सब बताया। सुमित, जो गैस एजेंसी चलाता था, ने अमृता की मदद करने का फैसला किया और अपने दोस्त संदीप के साथ मिलकर हत्या की योजना बना डाली।
प्लानिंग और वारदात का तरीका
तीनों ने 5 अक्टूबर की रात गांधी विहार पहुंचकर पहले रामकेश का गला घोंटकर उसकी हत्या की। इसके बाद उन्होंने शव पर तेल, घी और शराब डालकर आग लगा दी ताकि ऐसा लगे कि एसी ब्लास्ट से हादसा हुआ है।
सुमित ने गैस सिलेंडर का वॉल्व खोलकर आग को और बढ़ाया। वारदात के बाद आरोपी लैपटॉप, हार्ड डिस्क, और अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो गए।

फॉरेंसिक की चाल उलटी पड़ी
दिलचस्प बात यह है कि अमृता फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी। उसे विश्वास था कि आग लगाकर सभी सबूत नष्ट हो जाएंगे। आग लगाने का आइडिया भी उसी का था। लेकिन पुलिस की वैज्ञानिक जांच ने उसकी यह योजना नाकाम कर दी।
पुलिस ने ऐसे सुलझाया केस
जांच में पाया गया कि शव असामान्य रूप से ज्यादा जला था, यहां तक कि कुछ हड्डियाँ तक पिघल गई थीं, जो सामान्य आग में संभव नहीं होता। इसके अलावा, एसी बिल्कुल सही हालत में था और गैस सिलेंडर का स्थान संदिग्ध पाया गया। इन सभी तथ्यों ने पुलिस को यह समझने में मदद की कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या थी।

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