Delhi Smog Tower: दिल्ली में छाई लापरवाही की धुंध, स्मॉग टावर पर लगा ताला
Delhi Smog Tower: DPCC कंपनी के कर्मचारी सरकार से नाराज हो गए हैं। प्रदूषण की समस्या दूर करने के लिए करीब 23 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया टावर अप्रैल में बंद किया गया था। एक बार फिर सैलरी न मिलने पर टावर पर ताला लगा दिया गया है।
Highlights
- दिल्ली में छाई लापरवाही की धुंध
- धुंध से परेशान दिल्ली की जनता
- सैलरी न मिलने से नाराज कर्मचारियों ने जड़ा ताला
धुंध से परेशान दिल्ली की जनता
दिल्ली में इन दिनों में ठोड के साथ धुंध की चादर भी बढ़ी है, जिससे दिल्ली की जनता बेहद परेशान है। दिल्ली वासी इससे निपटने के इंतजाम में भगवान भरोसे हैं। इसकी लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि जिस स्मॉग टॉवर का उद्घाटन 2021 में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण से निपटने के लिए किया था, वो कुछ दिनों से बंद पड़ा है।
23 करोड़ रुपये अब तक हुए खर्च
कनॉट प्लेस में मौजूद इस टावर को करीब 23 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों को दिसंबर 2023 की सैलरी का भुगतान न होने और दिल्ली सरकार की ओर से नौकरी की कोई लिखित गारंटी नहीं मिलने की वजह से इसे लॉक कर दिया है और अब इस टावर ने काम करना बंद कर दिया है।
टावर पर कर्मचारियों ने लगाया ताला
विबग्योर कंसल्टिंग नाम की एक कंपनी के 13 स्टाफ को स्मॉग टावर के संचालन का काम सौंपा गया था। अब उनका कहना है कि, "यह टावर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) के अधीन है और हमारी कंपनी, विबग्योर कंसल्टिंग इस टावर का संचालन कर रही है, लेकिन पेमेंट की वजह से अप्रैल 2023 में भी टावर का संचालन बंद कर दिया गया था।
इसके बाद नवंबर 2023 में इस टावर को शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार को फटकार पड़ने के बाद हमें DPCC की ओर से बुलाया गया और 8 नवंबर को हमने टावर का काम फिर से चालू कर दिया, लेकिन बाद में हमें समय पर वेतन नहीं दिया गया और हमारा दिसंबर का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। इसके अलावा हमारी कंपनी को दिल्ली सरकार से कोई नौकरी की पुष्टि नहीं मिली है। इसलिए हमारे पास इस टावर को बंद करने का ही विकल्प बचा था।''
कर्मचारियों को नहीं मिली कोई सुविधा
कंपनी के कर्मचारियों वहां की सुविधाओं पर भी बात की। "यहां स्टाफ के लिए पीने के पानी और सुलभ शौचालय सुविधाओं के अभाव का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना है कि उनके पास प्लायर और स्क्रूड्राइवर जैसे बुनियादी उपकरण भी उपलब्ध नहीं थे। हमें कोई सुरक्षा गियर भी उपलब्ध नहीं कराया गया।" टीम के कुछ सदस्यों ने ये भी बताया कि स्मॉग टावर भी अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा है। टावर में लगे 5000 फिल्टर में से अधिकांश पुराने हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है।
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