वाल्मीकि जयंती कल, दिल्ली सरकार ने किया छुट्टी का ऐलान, जानें क्या खुला रहेगा और क्या बंद?
Delhi News Today: कल 7 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में दिल्ली की रेखा सरकार की तरफ से सरकारी छुट्टी का ऐलान किया गया है। जिसमें स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इस अवसर पर होने वाले विशेष कार्यक्रमों में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद होंगी। दिल्ली सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि महर्षि वाल्मीकि ने सिर्फ भारतीय साहित्य के 'आदिकवि' और रामायण के रचियता थे, बल्कि वे समानता न्याय और मानवता के प्रतिक भी माने जाते हैं।
Valmiki Jayanti Holiday: सीएम रेखा ने वाल्मीकि जयंती पर क्या कहा?
बता दें कि महर्षि वाल्मीकि को आज भी समाज में गरिमा, सम्मान और समानता के रास्ते पर अग्रसर करते हैं। दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता में आगे कहा, "यह अवसर हमें उनके जीवन, कार्यों और समाज के प्रति उनके योगदान को स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दलित समुदाय के उत्थान, शिक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं ने समाज में न्याय और सद्भाव की भावना को निरंतर सुदृढ़ किया है।"
Valmiki Jayanti 2025: कल बाल्मीकि जयंती पर दिल्ली में क्या-क्या रहेगा बंद?
आधिकारिक बयान में दिल्ली सरकार ने कहा गया है कि मंगलवार को सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इस दिन कर्मचारियों को अवकाश रहेगा। इसके साथ ही स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे। जिस वजह से छात्रों को भी छुट्टी मिलेगी। यह निर्णय न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि कल्चरल धरोहर के प्रति सम्मान माना जा रहा है।
Delhi Government Offices: सरकारी दफ्तर भी रहेंगे बंद
दिल्ली सरकार के एक बयान के अनुसार, यह अवकाश कर्मचारियों को न केवल आराम करने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने और महर्षि वाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा लेने का भी अवसर प्रदान करेगा। स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद होने के कारण, छात्रों को भी इस विशेष दिन के महत्व को समझने और उसमें भाग लेने का अवसर मिलेगा।
Delhi News Today: कौन थे महर्षि वाल्मीकि?
महर्षि वाल्मीकि प्राचीन भारत के महान संस्कृत कवि और "रामायण" के रचयिता थे। उन्हें आदिकवि कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पहली बार महाकाव्य की रचना की। वे पहले एक शिकारी थे, बाद में तपस्या करके ऋषि बने और भगवान राम की जीवन गाथा को "रामायण" में वर्णित किया।
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