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उत्तर प्रदेश में बढ़ रहा डेंगू का कहर, बन रहा मौत का कारण

गाजियाबाद में डेंगू के 763 केस सामने आ चुके हैं, यह पश्चिमी यूपी के किसी भी जिले में सबसे ज्यादा केस हैं

02:07 PM Nov 20, 2022 IST | Desk Team

गाजियाबाद में डेंगू के 763 केस सामने आ चुके हैं, यह पश्चिमी यूपी के किसी भी जिले में सबसे ज्यादा केस हैं

ठंड के आगमन के बाद उत्तर प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, ऐसे में लोगों को काफी सचेत होने की जरुरत है, वरना एक मच्छर आपके जिंदगी को भी खत्म कर सकता है। दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद में सेना के एक मेजर की डेंगू से मौत हो गई. मेजर का नाम सैयद अब्दुल काजिम था जिसकी उम्र तकरिबन 31 साल थी। उनकी तैनाती लद्दाख में थी,  वह छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे, जिसके बाद उन्हे काफी तेज बुखार आने लगा, जिसके बाद उन्होनें अपनी जांच करवाई ।जांच में डेंगू पॉजिटिव आने पर वह दिल्ली से सैन्य हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। डेंगू के जंग लड़ रहे मेजर ने 19 दिन बाद बीते शनिवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
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मृतक मेजर के मामा साजिद ने बताया कि सैयद अब्दुल काजिम इंडियन आर्मी की 129 रेजिमेंट में तैनात थे। उन्होंने बीटेक करने के बाद सीडीएस की परीक्षा दी थी.।परीक्षा में पास होने के बाद उनकी ट्रेनिंग हुई। तीन माह पहले ही उन्हें लेह-लद्दाख में तैनाती मिली थी, इस समय उनकी तैनाती लद्दाख के साटा में था। वह 26 अक्टूबर को छुट्टी लेकर घर आए थे, उनका परिवार उत्तर प्रदेश के गाजियबाद जिले के इंदिरापुरम में रहता है, मेजर सैयद कासिम के पिता वोल्टास कंपनी में थे, जबकि भाई अमेजॉन में है. वहीं पत्नी नीदरलैंड से रिसर्च कर रही हैं।  
दिल्ली के सैन्य हॉस्पिटल में भर्ती थे मेजर
मामा साजिद ने बताया कि छुट्टी पर आने के पांच बाद दिन बाद 31 अक्टूबर को मेजर सैयद अब्दुल काजिम को बुखार आया. जब बुखार ने पीछा नहीं छोड़ा तो उन्होंने हिंडन एयरबेस में डेंगू की जांच कराई, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई. हालत जब ज्यादा खराब हुई तो उन्हें दिल्ली के सैन्य हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. यहां 19 दिनों तक उनका इलाज चला. कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे. शनिवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया. वहीं मेजर की मौत के बाद उनके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
परिजन बोले- मेजर को यहीं पर हुआ डेंगू
मामा साजिद ने बताया कि मेजर सैयद अब्दुल काजिम की मां फिरदौस फातिमा को विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है. हम लोगों ने सोचा भी नहीं था कि जिस बेटे को देश सेवा के लिए तैयार किया, वह डेंगू की बीमार से हमको छोड़कर चला जाएगा. अगले महीने दिसंबर में उनकी शादी की चौथी सालगिरह थी. परिजनों का कहना है कि डेंगू फैलने के बाद भी प्रशासन ने क्षेत्र में छिड़काव नहीं कराया. मेजर को यहीं पर डेंगू हुआ था। 
गाजियाबाद में डेंगू के 763 केस
वहीं परिजनों के आरोपों पर जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा ने इंदिरापुरम क्षेत्र में डेंगू का लार्वा या उसकी कॉन्टेक्ट हिस्ट्री नहीं मिली है. वह लद्दाख से पॉजिटिव होकर आए होंगे. बता दें कि इस समय गाजियाबाद में डेंगू के 763 केस सामने आ चुके हैं. यह पश्चिमी यूपी के किसी भी जिले में सबसे ज्यादा केस हैं.
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