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Dev Diwali 2023: अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व, जानें पूजा विधि और दान का महत्व

11:38 AM Nov 26, 2023 IST | Nidhi Kasana
dev diwali 2023  अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व  जानें पूजा विधि और दान का महत्व

Dev Diwali 2023 : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima)  का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन गंगा स्नान, सत्यनारायण व्रत, विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और दान का खास महत्व होता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी।

देव दिवाली 2023 कब है? (Kartik Purnima 26 or 27 November 2023)

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन देवता धरती पर आते हैं और भक्त उनके निमित्त दीपदान करते हैं। इस बार देव दिवाली 26 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी।

कार्तिक पूर्णिमा 2023 के शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा स्नान: सुबह 5:05 से 5:58 तक (27 नवंबर 2023)
सत्यनारायण व्रत पूजा: सुबह 9:30 से 10:49 तक (27 नवंबर 2023)
प्रदोष काल (दीपदान): शाम 5:24 से रात 7:05 तक (26 नवंबर 2023)
चंद्रमा पूजा: शाम 4:29 (26 नवंबर 2023)
लक्ष्मी पूजा: 26 नवंबर, रात 11:41 से 27 नवंबर 2023, प्रात: 12:35
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है की इस दिन गंगा जी में स्नान करने से 1000 बार गंगा स्नान करने के समान फल मिलता है। इस दिन गंगा किनारे ही अन्न, धन, वस्त्र, गर्म कपड़े का दान करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हो जाती है ऐसी भी मान्यता है।Dev Diwali 2023    KartikPurnima

देव दिवाली क्यों मनाते हैं?

देव दिवाली अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। मान्यतानुसार, कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। उसके वध से प्रसन्न होकर सभी देवी और देवता काशी नगरी पहुंचे। वहां पर गंगा स्नान के बाद दीप जलाए और शंकर जी की उपासना की गयी थी।

कार्तिक पूर्णिमा के महत्व

कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन गंगा स्नान, सत्यनारायण व्रत, विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और दान करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। गंगा स्नान से पापों का नाश होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
सत्यनारायण व्रत करने से सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें?

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
गंगा स्नान करें या किसी अन्य पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करें।
सत्यनारायण व्रत का संकल्प लें और विधि-विधान से पूजा करें।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र आदि का दान करें।
शाम को दीपदान करें।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि punjabkesar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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