Dev Uthani Ekadashi Upay: देवउठनी एकादशी के दिन जरूर करें ये 4 चमत्कारी उपाय, खुल जाएंगे धन-समृद्धि के द्वार
03:15 PM Oct 26, 2025 IST | Khushi Srivastava
Dev Uthani Ekadashi Upay: सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘देवउठनी एकादशी’ कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, और इसी के साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
Advertisement
इस अवसर पर तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है, जिसे घर में सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। देवउठनी एकादशी को विष्णु-प्रबोधिनी, देव-प्रबोधिनी, कार्तिक शुक्ल एकादशी और कार्तिकी एकादशी भी कहा जाता है।
Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी 2025 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में देवउठनी एकादशी की तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:12 से शुरू होकर 2 नवंबर की रात 7: 32 तक रहेगी। सूर्योदय के समय एकादशी तिथि होने के कारण व्रत 2 नवंबर 2025 को रखा जाएगा।
Dev Uthani Ekadashi Upay: 4 उपाय जो बदल देंगे आपका भाग्य
1. प्रमुख द्वार पर- देवउठनी एकादशी की रात घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ गाय के घी के दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
2. पीपल के नीचे- इस रात पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक अवश्य जलाएं और सात बार उसकी परिक्रमा करें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
3. रसोई- देवउठनी एकादशी की रात रसोईघर में भी एक दीपक जलाना चाहिए, क्योंकि यह माता अन्नपूर्णा का पवित्र स्थान माना जाता है। यहां दीपक जलाने से घर में अन्न का भंडार सदैव भरा रहता है।
4. तुलसी के पास- संध्या समय तुलसी माता के समीप घी के पांच दीपक जलाएं। तुलसी देवी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, इसलिए ऐसा करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है और लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।
Dev Uthani Ekadashi Do's and Don'ts: देवउठनी एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं?
Dev Uthani Ekadashi Do's: देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा के लिए करें ये पांच उपाय
1. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता को लाल चुनरी ओढ़ाएं, ऐसा करने से तुलसी देवी प्रसन्न होती हैं और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
2. पीले रंग के धागे में 11 गांठ लगाकर तुलसी के पौधे पर बांधें।
3. इस दिन तुलसी माता को कलावा अर्पित करें।
4. तुलसी माता को कच्चा दूध चढ़ाएं और दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
5. भगवान विष्णु को पांच तुलसी पत्र अर्पित करना अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है।
Dev Uthani Ekadashi Don'ts: देवउठनी एकादशी पर इन 5 गलतियों को करने से बचें
1. देवउठनी एकादशी के दिन शराब, मांस, मछली, प्याज, लहसुन और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। फल और दूध का सेवन कर सकते हैं।
2. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है, पत्ते एक दिन पहले ही ले लेने चाहिए।
3. श्रद्धा से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए और भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण को तुलसी पत्र व कमल का फूल अर्पित करना चाहिए।
4. एकादशी व्रत का आरंभ दशमी तिथि की शाम से होता है; इस दिन सिर धोना चाहिए लेकिन एकादशी के दिन बाल नहीं धोने चाहिए।
5. व्रत के दिन झूठ बोलने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से बचें।
यह भी पढ़ें: छठ महापर्व का दूसरा दिन आज, खरना पूजा से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू, जानें प्रसाद ग्रहण करने का शुभ समय
आज, रविवार के दिन खरना मनाया जा रहा है। खरना से ही छठ पूजा का 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ होता है। खरना का प्रसाद सूर्यास्त के बाद ग्रहण किया जाता है। बिहार में आज सूर्यास्त शाम 5:11 बजे होगा। आगे पढ़ें...
Advertisement