नेपाल में बादल फटने से पिथौरागढ़ में तबाही, एक महिला की मौत, पानी में डूबे 50 मकान
नेपाल में बीती रात बादल फटने से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारी तबाही मची है। बादल फटने से तल्ला खोतिला गांव में लगभग 50 मकान पानी में डूब गए हैं।
12:38 PM Sep 10, 2022 IST | Desk Team
Advertisement
नेपाल में बीती रात बादल फटने से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारी तबाही मची है। बादल फटने से तल्ला खोतिला गांव में लगभग 50 मकान पानी में डूब गए हैं। वहीं एक महिला की मौत हो गयी है। काली नदी के दूसरे छोर पर बसे नेपाल में भी नुकसान की सूचना है।
Advertisement
पिथौरागढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाके खासकर धारचूला तहसील में अतिवृष्टि व नेपाल के लासको गधेरे में बादल फटने से भारत व नेपाल के बीच बहने वाली काली नदी का जलस्तर यकायक बढ़ गया। जिससे काली नदी के किनारे बसा धारचूला का तल्ला खोतिला गांव में पानी व मलबा की चपेट में आ गया।
#WATCH उत्तराखंड: पिथोरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा के पास बीती रात बादल फटा। pic.twitter.com/ICENJ47eta
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 10, 2022
बताया जा रहा है कि गांव के लगभग 50 घर पानी में डूब गये। गांव का नीचला हिस्सा पूरी तरह से जलमग्न हो गया। यहां 65 वर्षीया एक बुजुर्ग महिला पशुपति देवी पत्नी मान बहादुर की भी मौत हो गयी है। सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के अलावा पुलिस व प्रशासन ने मौके पर मोर्चा संभाल लिया और राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा है। जिससे अभी भी खतरा बना हुआ है। भारत-नेपाल झूलापुल के निकट गौशाला क्षतिग्रस्त होने से कुछ मवेशियों के भी बहने की सूचना है। दूसरे छोर पर बसे नेपाल में भी मकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। धारचूला के एलधारा क्षेत्र में भारी बरसात के चलते भूस्खलन होने से मल्ली बाजार क्षेत्र में भी मलबा व पानी मकानों और दुकानों में घुस गया है। कुछ वाहन इसकी चपेट में आ गये हैं।
Advertisement
प्रशासन यहां भी मुस्तैदी से राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है। काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से पिथौरागढ़ पुलिस की ओर से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है। चेतावनी जारी की गयी है कि काली नदी के किनारे आवागमन न करें और सीमावर्ती पुलों व झूलों पर आवाजाही से बचें।
Advertisement