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'बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना' Dharmendra के ये 10 फेमस Dialogue जो हमेशा दिलाएंगे उनकी याद

03:34 PM Nov 24, 2025 IST | Kajal Yadav
Dharmendra Best Dialogues (Source: social media)

Dharmendra Best Dialogues: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया। इस दुखद खबर को सुनकर उनके फैंस का दिल टूट गया है। उन्होंने अपने जीवन में 300 से अधिक फिल्में की हैं, लेकिन इस खबर को सुनने के बाद अब पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक का माहौल है। धर्मेंद्र ने अपने पूरे जीवन में एक के बाद एक हिट फिल्में दी हैं। उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में हेमा मालिनी के साथ काम किया है।

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वे अपने करिश्माई अंदाज, दमदार डायलॉग्स और फिल्मों में बेहतरीन योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी अदाकारी और संवाद पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। उनके निधन के बाद आज हम आपको बताएंगे, उनके 10 बेहतरीन डायलॉग्स, जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में चार चांद लगा दिए हैं।

Dharmendra Best Dialogues: अभिनेता धर्मेंद्र के बेस्ट डायलॉग

dharmendra famous scenes (Source: social media)

1. 'बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना' (फिल्म - शोले - Sholay, 1975)

2. 'कुत्ते कमीने! मैं तेरा खून पी जाऊंगा', (फिल्म - यादों की बारात - Yaadon Ki Baaraat, 1973)

3. 'एक-एक को चुन-चुन के मारूंगा... चुन-चुन के मारूंगा', (फिल्म - शोले - Sholay, 1975)

4. 'ओए! इलाका कुत्तों का होता है, शेर का नहीं', (फिल्म - यमला पगला दीवाना - Yamla Pagla Deewana, 2011)

5. 'अगर तकदीर में मौत लिखी है तो कोई बचा नहीं सकता, अगर जिंदगी लिखी है तो कोई माई का लाल मार नहीं सकता', (फिल्म - धरम वीर - Dharam Veer, 1977)

best dialogues of dharmendra (Source: social media)

6. 'कभी जमीन से बात की है ठाकुर? ये जमीन हमारी मां है', (फिल्म - गुलामी - Ghulami, 1985)

7. 'इस कहानी में इमोशन है, ड्रामा है, ट्रैजेडी है', (फिल्म - शोले - Sholay, 1975)

8. 'ये दुनिया बहुत बुरी है शांति, जो कुछ देती है बुरा बनने के बाद देती है', (फिल्म - फूल और पत्थर - Phool Aur Patthar, 1966)

Dharmendra Best Dialogues (Source: social media)

9. 'यह तो सो रहा था अमन का, बादलों को अपना तकिया बनाकर, इसे जगाया भी तुमने है और उठाया भी तुमने है.', (फिल्म - जीने नहीं दूंगा - Jeene Nahi Doonga, 1984)

10. 'किसी भी भाषा का मज़ाक उड़ाना घटियापन है और मैं वही कर रहा हूं', (फिल्म - चुपके चुपके - Chupke Chupke, 1975)

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