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बिहार में सीट बंटबारे को लेकर राजद और कांग्रेस में तकरार होने लगी है। औरंगाबाद सीट पर राजद के प्रत्याशी उतारने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी दावेदारी ठोंक दी है। औरंगाबाद सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। इस सीट से राजद ने अपना उम्मीदवार अभय कुशवाहा को बना दिया। राजद के इस फैसले से पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार नाराज हैं। निखिल कुमार औरंगाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
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निखिल कुमार ने कहा, ''हमने लोगों के मुद्दों और विकास पर ध्यान दिया है। लोग चाहते हैं कि हम लोकसभा में ये मुद्दे उठाएं। हमने इस सीट से उम्मीदवारी पेश की है। हमारे इस सीट से जीतने की पूरी उम्मीद है। हम जीतने के बाद जन कल्याण मुद्दों को उठाएंगे और उनपर काम करेंगे। ये सब हम तब करेंगे जब हमें अपनी शीट मिलेगी। उम्मीद यह थी हमारा जिनसे गठबंधन है, राजद से मिलकर सीट शेयरिंग पर बातचीत होती कि किस सीट से किसे उतारना है।
उन्होंने कहा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की सीट शेयरिंग पर बातचीत हुई थी, क्या बातचीत हुई ये पता नहीं लग पाया। वो अभी दिल्ली गए हुए हैं। वहां पर हाईकमान से बातचीत होगी। हमारी जो मांग थी कि ये सीट हमें दी जाए, शायद राजद ये सीट हमें देने से सहमत नहीं है।
आगे कहा, अगर ऐसा है तो यह गलत है, इसलिए गलत है क्योंकि जिन्हें इस सीट से राजद का टिकट दिया जा रहा है, उनका इस क्षेत्र से कोई मतलब नहीं है। उनको यह भी नहीं पता कि क्या-क्या मुद्दे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, निखिल कुमार का कहना है कि ये सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है। औरंगाबाद को लेकर गलती हुई है और गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया है। लिहाजा इसका खामियाजा उन्हें उठाना होगा, जिन्होंने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया।
निखिल कुमार ने कहा, औरंगाबाद के लोगों की अपेक्षा है कि मैं औरंगाबाद से ही चुनाव लड़ूं। मैं चुनाव मैदान से भाग नहीं रहा हूं। जो भी हालत हो, मैं औरंगाबाद से चुनाव लड़ूंगा। मुझे उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान मुझे औरंगाबाद से चुनावी मैदान में उतरने के लिए इजाजत देगा, क्योंकि औरंगाबाद में कांग्रेस की काफी अच्छी स्थिति है।