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इस खास दिन से शुरू होगी 5 दिन की दिवाली, जानें किस दिन क्या है

दीपों की पंक्ति से दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दियों को एक साथ पंक्तिबद्घ रखकर जलाने को ही दिवाली कहते हैं।

06:46 AM Oct 23, 2019 IST | Desk Team

दीपों की पंक्ति से दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दियों को एक साथ पंक्तिबद्घ रखकर जलाने को ही दिवाली कहते हैं।

दीपों की पंक्ति से दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दियों को एक साथ पंक्तिबद्घ रखकर जलाने को ही दिवाली कहते हैं। हालांकि अब समय के साथ-साथ दीये और मोमबत्तियां बराबर मात्रा में जलाए जाते हैं इसके साथ ही अब लोग झालर का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। 
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मतलब अब दीपों की बजाए ज्यादा झिलमिल लाइटों वाली दिवाली हो गई है। खैर,बता दें कि दिवाली का त्योहार केवल एक दिन का नहीं होता है बल्कि इसके आगे पीछे भी कई सारे त्योहर मनाए जाते हैं।
 अगर इन सभी को मिला लिया जाए तो इसका मतलब फिर यही हुआ कि दिवाली 1 या 2 दिन की नहीं बल्कि पूरे पांच दिन की होती है। जी हां आपने सही सुना है। लेकिन कैसे तो आइए जानते है कि आखिर कैसे दिवाली पांच दिन की मनाई जाएगी और किस दिन क्या होगा। 
25 अक्टूबर 
पांच त्योहारों की दिवाली का सबसे पहला पर्व धन की पूजा का होता है जिसे लगभग सभी लोग धनतेरस के नाम से जानते हैं। वैसे तो हिंदू तिथियों के अनुसार इनकी तारीखों में परिवर्तन होता रहता है। यह दिन समृद्घि को मनाने के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस खास दिन पर लक्ष्मी समुद्र मंथन से निकली थीं और उनका खास पूजा के साथ स्वागत किया जाता है।
26अक्टूबर 
धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मां काली ने नरकासुर का विध किया था। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है।
27अक्टूबर 
छोटी दिवाली के अगले दिन फिर बड़ी दिवाली मनाई जाती है। जो सबसे ज्यादा खास और मुख्य है। दिवाली अमावस्या के दिन मनाई जाती है। यह दिन महीने का सबसे काला दिन माना जाता है। यह दिन उत्तर और पश्चिम भारत में दिवाली के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। 
28अक्टूबर 
अगर बाद बड़ी दिवाली के अगले दिन की करी जाए तो इस दिन गोवर्धन पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था। 
29अक्टूबर 
गोवर्धन के अगले दिन भाई दूज मनाया जाता है। यह त्योहार भाई बहनों का होता है। जिसमें बहनें अपने भाइयों को टीका करती हैं। 
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