'रोहित और विराट को एक साथ मत आंकें' अगले 5 महीने होंगे रोहित के करियर के लिए अहम
रोहित शर्मा के लिए अगले 5 महीने होंगे करियर के लिए निर्णायक
भारतीय क्रिकेट में इस समय बदलाव का दौर चल रहा है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ऐतिहासिक जीत के बाद, साल के अंत तक टीम इंडिया और उसके दो सबसे अनुभवी खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली – कठिन दौर से गुज़र रहे हैं। भारत का 2024/25 टेस्ट सीज़न बेहद खराब रहा, और टीम पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की रेस से बाहर हो गई। खराब बल्लेबाज़ी और जसप्रीत बुमराह के अलावा बॉलिंग की कमजोरी इसकी मुख्य वजह बनी।
रोहित और विराट का करियर अलग-अलग आंका जाए: दीप दासगुप्ता
पूर्व भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ दीप दासगुप्ता ने कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के करियर को एक साथ नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, “हर खिलाड़ी का मूल्यांकन अलग होना चाहिए। जैसे सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ को अलग-अलग देखा गया था, वैसे ही रोहित और विराट का करियर भी अलग तरीके से देखा जाना चाहिए।”
2024/25 टेस्ट सीज़न में रोहित और विराट का प्रदर्शन
रोहित शर्मा और विराट कोहली, दोनों ही इस टेस्ट सीज़न में खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। विराट ने 19 पारियों में 22.47 की औसत से 382 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल था। लेकिन बाकी 18 पारियों में उन्होंने सिर्फ 282 रन बनाए।
वहीं, रोहित शर्मा का प्रदर्शन और भी निराशाजनक रहा। भारतीय कप्तान ने 15 पारियों में सिर्फ 164 रन बनाए, और उनका औसत मात्र 10.93 रहा। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला। रोहित की उम्र 37 साल है और अगर अगला WTC चक्र पूरा होता है, तो वह 40 पार कर जाएंगे, जिससे उनका टेस्ट करियर जारी रखना मुश्किल हो सकता है।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल
रोहित की कप्तानी भी आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। भारत ने उनके नेतृत्व में पिछले 6 में से 5 टेस्ट मैच गंवाए, जिसमें घरेलू मैदान पर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 3-0 की करारी हार भी शामिल है। इससे भारत की घरेलू टेस्ट जीत की रिकॉर्ड स्ट्रीक भी टूट गई। इसके अलावा, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी।
अगले 5 महीने रोहित के करियर के लिए अहम
दीप दासगुप्ता ने कहा, “अगले 5 महीने रोहित शर्मा के करियर के लिए बेहद अहम हैं। इस दौरान ज्यादातर मुकाबले व्हाइट-बॉल क्रिकेट और आईपीएल से जुड़े होंगे। अगर रोहित इन फॉर्मेट्स में शानदार प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी दावेदारी बनी रहेगी। इसके अलावा, उनकी फिटनेस और चैंपियंस ट्रॉफी में उनका खेल भी निर्णायक भूमिका निभाएगा। आखिर में, फैसला चयनकर्ताओं को लेना है।”
अब देखना होगा कि रोहित शर्मा आने वाले महीनों में कैसा प्रदर्शन करते हैं और क्या वे अपनी फॉर्म और नेतृत्व की क्षमता से आलोचकों को जवाब दे पाते हैं या नहीं।