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कोरोना वायरस के चलते इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड सहित दुनिया के अन्य देशों ने भी उठाए सख्त कदम !

कोरोना वायरस के चलते इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड सहित दुनिया के तमाम देश एहतियाती और सख्त कदम उठा रहे हैं। वहीं, अब इस वायरस का प्रकोप पहले से ही संकटग्रस्त वेनेजुएला तक पहुंच गया है।

01:24 AM Mar 15, 2020 IST | Shera Rajput

कोरोना वायरस के चलते इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड सहित दुनिया के तमाम देश एहतियाती और सख्त कदम उठा रहे हैं। वहीं, अब इस वायरस का प्रकोप पहले से ही संकटग्रस्त वेनेजुएला तक पहुंच गया है।

कोरोना वायरस के चलते इटली  तुर्की  न्यूजीलैंड सहित दुनिया के अन्य देशों ने भी उठाए सख्त कदम
कोरोना वायरस के चलते इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड सहित दुनिया के तमाम देश एहतियाती और सख्त कदम उठा रहे हैं। वहीं, अब इस वायरस का प्रकोप पहले से ही संकटग्रस्त वेनेजुएला तक पहुंच गया है। 
दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या शनिवार को 150,000 से अधिक हो गई। आधिकारिक सूत्रों से संकलित आंकड़ों से यह जानकारी मिली। 
यूनान में भी संक्रमण से मरने वालों की संख्या तीन पहुंच गई है। पाकिस्तान में भी संक्रमण के दो और मामलों की पुष्टि हुई है जबकि स्विट्जरलैंड में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सेना उतारने की तैयारी की जा रही है। रूस ने भी कई देशों के साथ लगती सीमाओं को सील करने का फैसला किया है। फ्रांस में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है पहली बार यहां जेल में बंद कैदी और सीनेटर भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। 
वहीं, अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को संक्रमण से बचाने के लिए व्हाइट हाउस आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के तापमान की जांच करने का फैसला किया है। 
इटली में प्रशासन ने पहले ही लोगों के यात्रा करने सहित कई पाबंदियां लगा दी थीं लेकिन शनिवार को प्रशासन ने लोगों के पार्कों में घूमने पर भी रोक लगा दी। 
रोम और मिलान सहित तमाम शहरों के महापौर ने शुक्रवार को सार्वजनिक खेल के मैदान और पार्क बंद करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य प्रशासन का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग फुटबॉल खेलने और टहलने खेल के मैदान और पार्क में जुट रहे हैं। 
इससे पहले इटली सरकार ने लोगों को पार्क में एक मीटर की दूरी बनाकर टहलने और साइकिल चलाने की अनुमति दी थी लेकिन प्रशासन ने पाया कि कई लोग दूरी के नियम का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। 
उल्लेखनीय है कि चीन के बाद इटली कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश है जहां पर एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 15,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। 
यूरोपीय देश चेक गणराज्य ने भी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शनिवार को अधिकतर दुकानें, रेस्तरां और पब को बंद करने के आदेश दिए। 
सरकार ने कहा कि यह पाबंदी 24 मार्च तक लागू रहेगी। हालांकि, खाने-पीने का सामान बेचने वाली दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक, दवाओं की दुकानें और पेट्रोल पम्प को पाबंदी से छूट दी गई है। 
चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री अंदरेज बाबीस ने लोगों से सहिष्णुता और एकजुटता दिखाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि लोग बेवजह मॉल नहीं जाएं।’’ 
उल्लेखनीय है कि चेक गणराज्य में शनिवार तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 150 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, देश में किसी की इस वायरस से मौत नहीं हुई है। 
चेक गणराज्य ने शुक्रवार को कहा था कि अब किसी विदेशी को देश में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सोमवार से किसी को देश छोड़ने की भी अनुमति नहीं होगी। सरकार पहले ही देश में स्कूल, सिनेमाघर, संग्रहालय बंद कर चुकी है और 30 से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा चुकी है। 
कोरोना वायरस के चलते उत्तरी साइप्रस ने एक अप्रैल तक केवल वैध निवासियों और तुर्की साइप्रस निवासियों को ही द्वीप पर आने की अनुमति देने का फैसला किया है। 
तुर्की साइप्रस के प्रधानमंत्री इरसिन ततार ने इसकी घोषणा शुक्रवार को छह घंटे तक चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद की। उल्लेखनीय है कि भूमध्यसागरीय द्वीप साइप्रस दो हिस्सों में बंटा है। एक साइप्रस गणराज्य यूरोपीय संघ का सदस्य है जबकि दूसरा हिस्सा तुर्की साइप्रस है जिसे केवल अंकारा ने मान्यता दी है। 
उल्लेखनीय है कि तुर्की साइप्रस के प्रशासन ने मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि की थी। अब तक यहां पांच मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिसमें चार जर्मन पर्यटक और एक तुर्की साइप्रस का है जो ब्रिटेन से लौटा था। 
दक्षिणी गोलार्द्ध के देश न्यूजीलैंड ने भी विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक पृथक रखने की घोषणा की है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने शनिवार को यह घोषणा की।
उन्होंने बताया कि नये नियम प्रशांत सागर के द्वीपीय देशों नागरिकों को छोड़कर विदेश से बाहर आने वाले सभी लोगों पर रविवार आधी रात से लागू होगा। 
अर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड के दूर दराज के इलाके संक्रमण से प्रभावित नहीं हैं और देश में अब तक छह मामलों की पुष्टि हुई है और किसी की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते इसके बढ़ने की आशंका है। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्व पृथक आदेश की 16 दिनों बाद समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि 30 जून तक न्यूजीलैंड के तट पर क्रूज जहाज के भी लंगर डालने पर रोक रहेगी। 
पहले से आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे लातिन अमेरिकी देश वेनेजुएला भी कोरोना वायरस की चपेट में आया गया है। प्रशासन ने शुक्रवार को यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि की।
वेनेजुएला के लिए यह नयी चुनौती है क्योंकि यहां के अस्पताल पहले ही पानी और साबुन सहित इलाज में इस्तेमाल होने वाले मूलभूत सामान की कमी का सामना कर रहे हैं। 
वेनेजुएला में दो संक्रमितों के सामने आने के बाद पड़ोसी कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूक ने वेनेजुएला से लगती सीमाओं को सील करने का आदेश दिया है। 
वेनेजुएला के उपराष्ट्रपति डेली रॉड्रिग्ज ने शुक्रवार को बताया कि 52 वर्षीय पुरुष जिसने हाल में स्पेन की यात्रा की थी और 41 वर्षीय महिला जो अमेरिका, इटली और स्पेन की यात्रा की थी, कोरोना वायरस से संक्रमित है। 
इसके तुरंत बाद प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने यूरोप और कोलंबिया को जोड़ने वाले सभी उड़ानों को स्थगित कर दिया। 
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वेनेजुएला की आबादी को इस वायरस से सबसे अधिक खतरा हैं क्योंकि राजनीतिक और आर्थिक संकट से पंगु बन गए देश में वायरस के तेजी से फैलने का खतरा है। 
स्विट्जरलैंड के सशस्त्र बलों ने शनिवार को कहा कि सेना कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में मदद करने के लिए जवानों की तैनाती करने को तैयार है। बता दें कि देश में एक हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 
सेना प्रमुख थॉमस सुस्सली ने ट्वीट किया, ‘‘सेना सोमवार को अपने चार अस्पताल बटालियन में से एक की तैनाती कोरोना वायरस से निपटने में करेगी। यह बटालियन हमारी सुरक्षा और रक्षा के लिए तैनात होगी।’’ 
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बटालियन किस तरह की सेवाएं मुहैया कराएगी। उन्होंने रेखांकित किया कि स्विट्जरलैंड के अस्पताल बटालियन के 90 फीसदी कर्मी अन्य पेशे में संलग्न हैं लेकिन चिकित्सा सेवा के लिए प्रशिक्षित हैं। 
सेना के प्रवक्ता डेनियल रेइस्ट ने बताया कि बटालियन में 500 से 600 कर्मी होते हैं और जरूरत पड़ने पर देश भर के अस्पतालों में मदद के लिए तैयार हैं। 
इस बीच, दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना वायरस के संक्रमण के केंद्र रहे वुहान से दर्जनों नागरिकों को शनिवार को निकाला। किसी उप सहारा देश की ओर से अपने नागरिकों को निकालने का यह पहला मामला है। 
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उसने अपने 146 नागरिकों को वुहान से निकाला है जहां पर दो महीने से बंदी लागू है। 
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता पोपो माजा ने बताया कि वुहान से निकाले गए लोगों को लिमपोपो प्रांत के पोलोकवान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया और इन्हें 21 दिनों तक पृथक रखा जाएगा। 
यूनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 67 वर्षीय व्यक्ति की ज़कींथोस द्वीप पर और 90 वर्षीय व्यक्ति की प्टोलेमैडा में मौत हो गई। 
मंत्रालय के मुताबिक दोनों पहले से ही कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे। दो मौतों के साथ यूनान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। 
रूस ने भी विदेशियों के लिए पोलैंड और नार्वे से लगती जमीनी सीमा बंद करने का फैसला किया है। 
प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने शनिवार को बताया कि सीमा को बंद करने का फैसला रविवार आधी रात से प्रभावी है और यह पेशेवर, निजी, अध्ययन और पर्यटन सहित सभी उद्देश्यों से आने वाले विदेशियों के लिए लागू होगा। हालांकि, इस प्रतिबंध से बेलारूस, आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और रूसी नागरिकों को छूट मिलेगी।’’ 
पाकिस्तान में भी शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के दो और मामलों की पुष्टि की जिससे देश में कुल संक्रमितों की संख्या 30 हो गई है। 
अधिकारियों ने बताया कि पहले संक्रमित के विदेश जाने का इतिहास नहीं है लेकिन उसका पिता हाल में ब्रिटेन से आया था। वहीं पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के प्रवक्ता वसीम ख्वाजा ने बताया कि दूसरी मरीज महिला है और हाल में अमेरिका से इस्लामाबाद लौटी थी एवं दिन पहले ही चिकित्सा संस्थान में लाया गया था। 
ख्वाजा ने बताया कि महिला की हालत गंभीर है और उसे जीवन रक्षा प्रणाली पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि 26 फरवरी से अबतक पाकिस्तान में कोरोना वायरस के 30 मामले सामने आए हैं जिनमें दो लोग ठीक हो चुके हैं।
श्रीलंका में भी शनिवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के दो नए मामले आने के साथ देश में कुल मामलों की संख्या आठ हो गई है। इसके बाद सरकार ने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों और समागम को दो हफ्ते के लिए रद्द कर दिया है। 
फ्रांस में यूरोप के सबसे प्रभावित देशों में शामिल है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पहली बार जेल में बंद एक कैदी के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। 
इस बीच सरकार विरोधी पीली बनियान पहले प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की चेतावनी को दरकिनार कर लगातार 70वें हफ्ते शनिवार को सड़कों पर उतरे। 
न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता निकोल बेलाउबेट ने बताया कि पूर्वी पेरिस स्थित फ्रेसनेस जेल के एक 74 वर्षीय कैदी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। उसे आठ मार्च को एकांत कोठरी में रखा गया था और शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। 
फ्रेसनेस जेल के जीन क्रिस्टोफ पेटिट ने बताया कि जब कैदी जेल में आया तब भी उसे सांस की समस्या थी। इस जेल में 1,320 कैदियों को रखने की क्षमता है जबकि 2,159 कैदी कैद हैं।
 
फ्रांस सरकार के अद्यतन आंकडों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,661 मामले सामने आए हैं और इनमें से 79 लोगों की मौत हो चुकी है। 
सीनेटर गुइलिन पेंटेल (56) को भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। फ्रांस के पर्यावारण एवं समावेशी परिवर्तन मंत्री ब्रुनी पोइरसन को भी संक्रमित पाया गया है। पोइरसन के कार्यालय ने बताया कि उनकी सेहत ठीक है। 
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