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राजनीतिक में वंशवाद समाप्त होना जरूरी है नहीं तो राज और नीति नहीं चलेगी

रामजतन सिन्हा कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि वे 1974 के छात्र जीवन के उपज हैं तथा वे बिहार के प्रोफेसर, विधायक, मंत्री एवं पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

06:44 PM Feb 13, 2019 IST | Desk Team

रामजतन सिन्हा कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि वे 1974 के छात्र जीवन के उपज हैं तथा वे बिहार के प्रोफेसर, विधायक, मंत्री एवं पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

पटना : बिहार के 18 से 25 साल का युवा बिहार के 15 साल पहले की इतिहास की दशा व दिशा नहीं देखी है इसलिए आज के युवाओं को राजनीति में आना जरूरी हो गया है। एक जमाना था कि जब बख्तियारपुर से पटना आने में तीन घंटा का समय लग जाता था। ये बातें सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू कार्यालय में प्रो. रामजतन सिन्हा के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक दिन में हमलोग टाल क्षेत्र में 18 किमी चलते थे। ये सभी बातें आज के युवाओं को मालूम नहीं हैं।

हमलोग आज जितने भी लोग मंच पर दिख रहे हैं- प्रो. रामजतन सिन्हा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह,श्याम रजक, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, एमएलसी नीरज कुमार इन सभी का कोई पारिवारिक बैकग्राउंड नहीं था ये सभी अपने आप ही राजनीति में आये। अब तो राजनीति में परिवारवाद ही चरम पर है अब पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार ही राजनीतिक करना चाहता है। इसलिए आज के युवाओं से अपील है कि आप सभी युवा राजनीति में आये और अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभायें। उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब राजधानी पटना में घंटों बिजली नहीं रहती थी, ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर मत निकलो भूत आ जायेगा। अब गांव टोला में 24सों घंटा बिजली रहने से गांव का भूत भी भाग गया और लालटेन भी बूझ गया। उन्होंने कहा कि रामजतन सिन्हा कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि वे 1974 के छात्र जीवन के उपज हैं तथा वे बिहार के प्रोफेसर, विधायक, मंत्री एवं पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

एक प्रोफेसर होकर भी रामजतन जी किस तरह युवाओं के साथ बातचीत करनी चाहिए उन्हें समझाने की जरूरत नहीं। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने एक अलग ही अलख जगाने का काम किया। आज के युवा पीढ़ी को राजनीति में आकर वंशवाद को समाप्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि रामजतन बाबू को पार्टी द्वारा पूरे बिहार के शिक्षा क्षेत्र में काम करने को कहा गया है और 20 से 30 साल के युवाओं को बिहार के बारे में जानकारी दें कि जब वे बच्चे थे तब उस समय का दौड़ कैसा था? आज का बिहार घर से निकलने पर पक्की सडक़, गाड़ी, गली में नाली, सडक़ पर पुल, पुलिया का जाल बिछ गया है। अब कहीं से भी आराम से आ और जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रामजतन बाबू एक प्रोफेसर भी हैं उन्हें शिक्षा के बारे में कुछ कहना नहीं है। ये शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही अच्छे तरीके से काम कर सकते हैं। इस अवसर पर जिला पार्षद पं. गंगाधर पांडे ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर मंत्री जयकुमार सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, कोषाध्यक्ष प्रो. रणवीर नंदन, नवीन आर्या, संजय गांधी, श्याम पटेल, पूर्व विधायक सुमित कुमार, नागेन्द्र गिरी, चंदन जी उपस्थित थे।

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