'सार्वजनिक रूप से देश से माफी मांगें...', Rahul Gandhi के आरोप पर EC की दो टूक
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग (EC) के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि अगर आरोप लगाने वाले के पास सबूत हैं, तो उन्हें हलफनामा देकर पेश करें, वरना सार्वजनिक रूप से देश से माफी मांगें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ऐसे गंभीर आरोप बिना ठोस प्रमाण के नहीं लगाए जा सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोप लगाने वाले को अगले सात दिनों के भीतर हलफनामा जमा करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आयोग (EC) यह मान लेगा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं और उन पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
"सच बार-बार कहने से झूठ नहीं बनता"
चुनाव आयुक्त ने उदाहरण देते हुए कहा कि सूरज हमेशा पूरब से उगता है, चाहे कोई कुछ भी कहे, वह पश्चिम से नहीं उगेगा। इसी तरह, सच हमेशा सच रहेगा। उन्होंने यह बात यह जताने के लिए कही कि किसी भी झूठे आरोप को बार-बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाता।
#WATCH | Delhi: On Rahul Gandhi's allegations against ECI, Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "...An affidavit will have to be given or an apology will have to be made to the country. There is no third option. If the affidavit is not received within 7 days, it means… pic.twitter.com/AJVbxEdPja
— ANI (@ANI) August 17, 2025
बिना सबूत कोई कार्रवाई नहीं
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि EC बिना किसी ठोस सबूत और शपथपत्र के किसी भी वैध मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं काट सकता। उन्होंने कहा कि EC हर मतदाता के साथ मजबूती से खड़ा है और मतदाता सूची की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाते हैं।

शपथपत्र के बिना जांच संभव नहीं
जब उनसे पूछा गया कि शिकायत की जांच क्यों नहीं हुई, तो उन्होंने जवाब दिया कि आयोग इतने गंभीर मामले में बिना हलफनामे के कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता। अगर ऐसा किया गया तो यह संविधान के खिलाफ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सिर्फ एक प्रेजेंटेशन के आधार पर पूरे चुनाव तंत्र पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
"हम 75 साल से निष्ठा से काम कर रहे हैं"
मुख्य चुनाव आयुक्त ने आयोग के कामकाज पर भरोसा जताते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों से चुनाव आयोग ने ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया है। उन पर चोरी जैसे आरोप लगाना न केवल गलत है, बल्कि आयोग की साख पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि जब आरोप लगाए जाते हैं तो सबूत देने की जिम्मेदारी भी आरोप लगाने वाले की होती है।