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ED Action on Satyendra Jain: सत्येंद्र जैन की बढ़ी परेशानी, अब ED ने 7.44 करोड़ की प्रॉपर्टी की अटैच

07:36 PM Sep 23, 2025 IST | Amit Kumar
ED Action on Satyendra Jain:

ED Action on Satyendra Jain: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून यानी PMLA के तहत उनकी कंपनियों से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है।

ED Action on Satyendra Jain: CBI की FIR के आधार पर शुरू हुई ED की जांच

ED की यह कार्रवाई CBI की एक एफआईआर के आधार पर की गई है। इस FIR में आरोप लगाया गया था कि फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच सत्येंद्र जैन ने अपनी घोषित आय से कहीं ज्यादा संपत्ति जमा की। इस मामले में 2018 में ही CBI ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी, जिसमें सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।

Satyendra Jain News: नोटबंदी के बाद हुआ पैसा जमा

ED की जांच में यह सामने आया है कि नोटबंदी के तुरंत बाद, यानी नवंबर 2016 में, सत्येंद्र जैन के करीबी अंकुश जैन और वैभव जैन ने कुल 7.44 करोड़ रुपये बैंक में जमा कराए। यह रकम उन्होंने कुछ कंपनियों के नाम पर दिखायी, लेकिन जांच में पता चला कि ये कंपनियाँ वास्तव में सत्येंद्र जैन के ही नियंत्रण में थीं।

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ED Action on Satyendra Jain

Satyendra Jain: संपत्ति को किया अटैच

आयकर विभाग और अदालतों ने यह भी माना कि अंकुश और वैभव जैन, सत्येंद्र जैन के बेनामीदार (नाम के पीछे छिपे असली मालिक) हैं। इसी आधार पर ED ने अब उनकी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है।

अब तक कुल 12.25 करोड़ की संपत्ति जब्त

ED इससे पहले भी 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी थी। अब इस नई कार्रवाई के बाद कुल जब्त संपत्ति 12.25 करोड़ रुपये हो चुकी है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह सारी संपत्ति सत्येंद्र जैन की अघोषित आय का हिस्सा है। ED इस केस में जल्द ही पूरक चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है।

ED Action on Satyendra Jain

मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में जारी

यह मामला दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा है, जहाँ इसकी सुनवाई हो रही है। ED का दावा है कि इन संपत्तियों के पीछे जैन परिवार का ही हाथ है और पूरी योजना पैसे को सफेद दिखाने की थी।

एक केस में पहले ही मिल चुकी है राहत

गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को लोक निर्माण विभाग (PWD) से जुड़ी भर्ती में अनियमितताओं के एक अन्य मामले में राहत मिल चुकी है। इस केस में CBI ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा था कि कई वर्षों की जांच के बावजूद कोई ठोस सबूत नहीं मिला जिससे भ्रष्टाचार या आपराधिक साजिश साबित हो सके। कोर्ट ने भी माना कि इस मामले में POC अधिनियम या किसी अन्य कानून के तहत अपराध साबित करने जैसा कुछ नहीं मिला।

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