Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgets
vastu-tips | Festivals
Explainer
Advertisement

कोलकाता में ईडी का बड़ा एक्शन, नगरपालिका भर्ती घोटाले में 7 ठिकानों पर छापेमारी, 3 करोड़ रुपए जब्त

06:47 AM Oct 31, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

पश्चिम बंगाल में जारी नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 28 और 29 अक्टूबर को कोलकाता और आसपास के इलाकों में 7 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई ईडी के कोलकाता जोनल कार्यालय द्वारा की गई। ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, छापेमारी के दौरान मुख्य आरोपियों और उनके सहयोगियों के दफ्तरों और आवासों को कवर किया गया। जिन परिसरों की तलाशी ली गई उनमें रेडिएंट एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड, गरोडिया सिक्योरिटीज लिमिटेड, जीत कंस्ट्रक्शन एंड कंसल्टेंट्स जैसी कंपनियों के कार्यालय और उनके प्रमोटरों/निदेशकों के आवास शामिल हैं। इस दौरान ईडी अधिकारियों ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति से जुड़े कागजात, डिजिटल उपकरण और करीब 3 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर ईडी की कार्रवाई

जांच में ईडी को ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चला कि नगरपालिका भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपियों ने भ्रष्ट पैसे को कंपनियों और फर्मों के जरिए “बोगस सेवाओं” (फर्जी सेवाओं) के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग किया। यह भी खुलासा हुआ है कि इन्हीं फर्जी कंपनियों के माध्यम से घोटाले की राशि को वैध कारोबार के रूप में दिखाया गया ताकि धन शोधन की गतिविधियों को छिपाया जा सके। इससे पहले, ईडी ने 10 अक्टूबर को भी 13 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिनमें पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपात सेवा मंत्री और विधायक सुजीत बोस के कार्यालय और आवास भी शामिल थे। उस दौरान 45 लाख रुपये नकद और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे। ईडी ने यह जांच कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।

छापेमारी में महत्वपूर्व दस्तावेज बरामद

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि यह घोटाला प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच 2023 में शुरू की गई थी। उस दौरान ईडी ने आयन सिल और उनके सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापे मारे थे, जिनमें भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए थे। दस्तावेजों की जांच से पता चला कि यह भर्ती घोटाला केवल शिक्षकों की नियुक्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें कई नगरपालिकाओं में मजदूर, सफाईकर्मी, क्लर्क, चपरासी, ड्राइवर, हेल्पर, पंप ऑपरेटर, सैनिटरी असिस्टेंट जैसे पदों की भी अवैध नियुक्तियां की गईं। जांच में यह भी पाया गया कि इन नगरपालिकाओं की भर्ती प्रक्रिया का ठेका मेसर्स एबीएस इन्फोज़ोन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था, जिसके निदेशक आयन सिल हैं। कंपनी को प्रश्नपत्रों की प्रिंटिंग, ओएमआर शीट की जांच और मेरिट लिस्ट तैयार करने का जिम्मा दिया गया था।

ओएमआर शीट्स में हेराफेरी

ईडी के अनुसार, आयन सिल और कुछ सरकारी अधिकारियों व राजनीतिक नेताओं ने मिलकर साजिश रची और ओएमआर शीट्स में हेराफेरी कर कई अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती करवाई गई। बदले में मोटी रकम ली गई। ईडी ने इस मामले में आयन सिल के खिलाफ कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) दायर कर दी है। एजेंसी ने पहले भी मंत्री रथिन घोष (खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री, पश्चिम बंगाल) और सुजीत बोस समेत कई नेताओं और नगर निगम अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के हर स्तर पर जांच जारी है और जल्द ही और खुलासे किए जाएंगे।

Advertisement
Advertisement
Next Article