हेगड़े के बयान से भाजपा का किनारा
वरिष्ठ भाजपा नेता और उत्तर कन्नड़ से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने मतदाताओं से संविधान को फिर से लिखने के लिए उनकी पार्टी को दो-तिहाई बहुमत देने का आग्रह किया था, जिसके बाद कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र "संविधान बचाओ" को अपने प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक बनाया है। कांग्रेस ने जहां लोगों को भाजपा से सावधान रहने की चेतावनी दी और ट्विटर पर 'संविधान बचाओ, भाजपा हटाओ' हैशटैग लॉन्च करते हुए दलितों और आदिवासियों से आगामी चुनावों में भगवा पार्टी से दूर रहने का विशेष अनुरोध किया, वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि हेगड़े के बयान ने बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के संस्करण को बदलने और मनुस्मृति से प्रभावित भाजपा के गुप्त उद्देश्यों को उजागर किया है। दूसरी ओर भाजपा ने 10 मार्च को अपने सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा।
गठबंधन दलों का 'खेल' बिगाड़ेगी बसपा
बसपा ने उन निर्वाचन क्षेत्रों में कई प्रमुख जाट और मुस्लिम नेताओं को मैदान में उतारने की योजना बनाई है, जहां ये दोनों समुदाय सबसे अधिक संख्या में हैं, इस कदम का उद्देश्य भाजपा-रालोद के 'जाट' वोट बैंक और सपा-कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाना है। बीएसपी ने बिजेंद्र सिंह को बिजनौर से मैदान में उतारा है, जो जाट समुदाय से हैं और कुछ दिन पहले ही लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देकर बीएसपी में शामिल हुए हैं।
बिजनौर बसपा का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। बसपा उन लोकसभा सीटों पर भी मजबूत मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है, जहां मुस्लिम समुदाय चुनाव के नतीजे तय करने में निर्णायक भूमिका निभाता है। फिलहाल बसपा ने अमरोहा लोकसभा सीट से डॉ. मुजाहिद हुसैन, मुरादाबाद से इरफान सैफी, पीलीभीत से अनीश अहमद खान उर्फ फूलबाबू और सहारनपुर से माजिद अली को मैदान में उतारा है।
ये सभी चार सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रोहेलखंड क्षेत्र में हैं, जहां मुसलमानों की आबादी 20 से 40 प्रतिशत तक है।
ऐसे में बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार जहां सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं, वहीं पार्टी के जाट उम्मीदवार भाजपा-रालोद गठबंधन के सामने भी ऐसा ही खतरा पैदा कर सकते हैं।
आधी आबादी के लिए कांग्रेस के वादे
देश की महिलाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पांच "महिला न्याय" गारंटी की घोषणा की है, जिसमें गरीब महिलाओं के लिए सालाना 1 लाख रुपए और सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण शामिल है, बशर्ते उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता में आए। अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत महाराष्ट्र के धुले जिले में एक महिला रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने पांच "महिला न्याय" गारंटी की घोषणा की। रैली के दौरान किए गए प्रमुख वादाें में 'महालक्ष्मी गारंटी, आधी आबादी पूरा हक, शक्ति सम्मान, अधिकार मैत्री और सावित्री बाई फुले छात्रावास' शामिल हैं।