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गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व की तैयारियों का शुभारंभ

03:27 AM Oct 10, 2024 IST
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इतिहास गवाह है कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादी की बदौलत ही आज यह देश कायम है जिन्होंने हिन्दू धर्म की रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहु​ित दी मगर इस बात का अफसोस भी है कि आज 350 वर्ष बीतने को हैं मगर उस महान शहादत का इतिहास हम अपने देशवासियों को बताने में असमर्थ रहे हैं। सिख धर्म के द्वारा हर साल करोड़ों रुपये के लंगर में लगा दिये जाते हैं, गुरुघरों की सेवा पाने के लिए चुनावों के दौरान पैसों की जमकर बर्बादी की जाती है इतना ही नहीं सेवा मिलने के बाद उस पर पकड़ बनाए रखने के लिए कई बार एक दूसरे पर केस करके कोर्ट कचहरियों में भी पैसे की बर्बादी की जाती है मगर अपने गौरवमई इतिहास की जानकारी देने की सोच सिख पंथ में नहीं देखी जाती। सिखों की सर्वाेच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की सबसे अधिक जिम्मेवारी बनती थी इस कार्य को करने की मगर उस पर एक परिवार का कब्जा होने के चलते उनकी सोच क्या ही काम करती। अब तो देश की सरकार भी सिख गुरुओं की कुर्बानी को समझते हुए देशवासियों को बताने की कोशिश में जुट गई है।
बीते दिनों स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा जिस तरह से इस मुहिम की शुरुआत की उससे आज देश के बच्चे बच्चे को साहिबजादों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। इसी तरह से अब गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत क्यों और किस लिए हुई इसे भी लोगों को बताना बेहद जरुरी है। यह किसी से छिपा नहीं है कि उस समय हिन्दू धर्म खतरे में था और कश्मीरी पंडितों की गुहार पर गुरु साहिब ने अपने प्राणों की आहुति देकर हिन्दू धर्म की रक्षा की जिसके चलते उन्हें ‘‘हिन्द की चादर’’ कहकर सम्बोधित किया जाता है मगर आज कट्टरवादी सिख इसे मानवता की चादर, सृष्टि की चादर कहने लगे हैं, बेहतर होगा अगर वह इस सब में उलझने के बजाए गुरु साहिब की शहादत की जानकारी लोगों दें। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अगले वर्ष गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को बड़े स्तर पर मनाने का निर्णय लेते हुए ऐलान किया है पूरा साल शहीदी पर्व मनाते हुए गुरु साहिब के जीवन के बारे में चित्र प्रदर्शनियां, मेट्रो रेल, हवाई अड्डों सहित अन्य स्थानों पर लगाई जाएंगी, ताकि लोग गुरु साहिब के जीवन से प्रेरणा ले सकें। कमेटी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलो के द्वारा सभी सदस्यों और वर्करों की जिम्मेवारी लगाते हुए दिल्ली के हर वार्ड में कार्यक्रम करवाने की बात कही है। वहीं राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी के द्वारा डा राजवंत सिंह की ईको सिख सस्था के साथ मिलकर 550 पौधों के 350 जंगल लगाने की बात कही गई है ताकि शहीदी पर्व के माध्यम से पर्यावरण को बचाने के लिए भी कार्य किया जा सके जो कि अपने आप में अनोखा कार्य होगा क्योंकि आज पर्यावरण एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इससे पूर्व ईको सिख संस्था के द्वारा एक करोड़ पौधे समूचे भारत में लगाने की मुहिम शुरु की हुई है जिसके तहत अभी तक 1032 जंगल तैयार किए जा चुके हैं जिसमें 5 लाख 70 पौधे लगाने का दावा संस्था कर रही है। इन जंगलों के माध्यम से जहां पर्यावरण में शुद्धि आती है वहीं पशु पक्षियों खासकर चिड़ियों की जो प्रजातियां समाप्त होती जा रही हैं वह फिर से दिखने लगी हैं, भूमि उपजाउ होती है, पानी का लैवल ऊपर आता है क्योंकि इस समय पानी का निरन्तर स्तर नीचे जाना और कैमिकल युक्त पदार्थों का इस्तेमाल होने के चलते धरती बंजर होती जा रही जिससे खासकर पंजाब के किसान जूझ रहे हैं इस मुहिम से उन्हें काफी लाभ मिलेगा। धार्मिक जत्थेबं​िदयों को भी चाहिए कि ईको सिख और सन फाउंडेशन की संयुक्त मुहिम में सहयोग करें।
गुरबाणी गुटकों की आनलाईन बिक्री से सिखों में रोष
सिख धर्म में गुरबाणी को गुरु का दर्जा प्राप्त है क्योंकि गुरु गोबिन्द सिंह जी ने इस संसार से जाते समय गद्दी गुरु ग्रन्थ साहिब को सौंपते हुए सिख समुदाय को शबद गुरु को मानने का आदेश दिया था इसलिए गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज गुरबाणी का सिखों के लिए खास महत्व है और सिख तभी से गुरु ग्रन्थ साहिब को जीवित गुरु के रुप में मानते आए हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मी​िडया पर वायरल हो रही पोस्ट से जानकारी मिली कि एमेजोन, फिलिपकार्ट जैसी नामी आनलाईन कंपनियों पर गुरबाणी के गुटका साहिब एवं अन्य धार्मिक ग्रन्थों की आनलाईन बिक्री की जा रही है जिसे लेकर सिख पंथ में रोष पैदा होना स्वभाविक सी बात है। इन कंपिनयों से कोई भी आर्डर कर गुरबाणी के गुटका साहिब मंगवा सकता है और कई शरारती तत्वों के द्वारा इनका दुरुपयोग करते हुए अनादर भी किया जा सकता है इसके साथ ही कंपनियों द्वारा डिलीवरी करने वाले लोग क्या मर्यादा बहाल रखकर डिलीवरी करेंगे यह संभव ही नहीं है।
डिलीवरी करने वाले ज्यादातर लोग गैर सिख ही होते हैं और उनमें से भी ज्यादातर उन पदार्थों का सेवन भी करते हैं जिनकी सिख पंथ में पूर्णतः मनाही है ऐसे में गुरबाणी का निरादर होना ही है, जिसे कोई भी सिख बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसी के चलते सिख जत्थेबं​िदयों ने आनलाईन कंपनियों के खिलाफ मुहिम चलाकर तुरन्त प्रभाव से गुरबाणी के गुटका साहिब एवं अन्य सिख धर्म से सम्बिन्धित अन्य पुस्तकों की बिक्री बंद करने की चेतावनी दी है। दिल्ली मंे पंजाबी परमोशन कौंसल के द्वारा लिखित शिकायत दिल्ली के संसद मार्ग थाना में डीसीपी महोदय को दर्ज करवाई है। संस्था के अध्यक्ष जसवंत सिंह बोबी ने कहा कि अगर इसे तुरन्त बंद नहीं किया गया तो कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जायेगी। वहीं शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के द्वारा भी इसके खिलाफ मुहिम शुरु की गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के महासचिव जगदीप सिंह काहलो का मानना है कि इससे पूर्व भी कंपनियों द्वारा बिक्री की जा रही थी जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी ने लीगल नोटिस भेजकर कार्यवाही की थी जिसके बाद कंपनियों ने इसे बन्द भी कर दिया था मगर अब फिर से ऐसा देखा जा रहा है इसलिए अब सख्त कार्यवाही करनी होगी ताकि सदा के लिए कंपनियां अपने पोर्टल से इसे हटा लें जिसके लिए कार्यवाही तैयार की जा रही है। मगर सवाल यह बनता है कि आखिर सिख धर्म की भावनाओं के साथ ही खिलवाड़ क्यों किया जाता है क्या यह सोची समझी साजिश तो नहीं इसके पीछे कौन लोग हैं इसका पता लगाना भी बहंुत जरुरी है।
मानव सेवा के लिए अवार्ड
गुरुद्वारा राजौरी गार्डन केवल सिंह सभा तक ही सीमित नहीं है जब से इसकी सेवा संभाल दिल्ली के प्रसिद्ध व्यवसायी हरमनजीत ंिसंह ने संभाली है तब से निरन्तर नित नए प्रोजैक्ट लगाकर मानवता की सच्ची सेवा की जा रही है। मौजूदा समय में एक विशाल डिस्पैंसरी यहां चलाई जा रही है जिसमें मैमोग्राफी, कीमोथैरेपी, डायलेसिस से लेकर डैंटल, मोतियाबिन्द जैसी अनेक बीमारियों का इलाज नामात्र रेट पर किया जाता है जिसके चलते सिख ही नहीं गैर सिख परिवार भी इसका लाभ उठा रहे हैं। कोरोना काल में इस गुरुद्वारा साहिब के द्वारा लंगर से लेकर आक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से संगत की भरपूर सेवा की। गरीब परिवारों के बच्चों को एजुकेशन, बच्चियों की शादी से लेकर, सिख बच्चों को रोजगार, जरुरतमंदों की भरपूर मदद की जाती है। देखा जाए तो यह सिंह सभा वह कार्य कर रही है जिससे गुरु नानक का मिश्न पूरा होता है। इसी के चलते एक गैर सिख संस्था के द्वारा गुरुद्वारा राजौरी गार्डन के अध्यक्ष हरमनजीत सिंह को नैशनल गौरव अवार्ड से सम्मानिन्त किया। अगर सभी गुरुद्वारा साहिब की कमेटियां इसी प्रकार अपनी जिम्मेवारी को निभाना शुरु कर दें तो शायद वह दिन दूर नहीं जब हम गुरु नानक के मिश्न को घर-घर तक पहुंचाने में कामयाब हो जाएं।

- सुदीप सिंह

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