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प्रतिशोध की आग में जलता पश्चिम एशिया

02:02 AM Aug 02, 2024 IST
प्रतिशोध की आग में जलता पश्चिम एशिया

इजराइल की खुफिया एजैंसी मोसाद को दुनिया का सबसे खतरनाक जासूसी संगठन माना जाता है। मोसाद इस बात के लिए कुख्यात है कि वह अपने दुश्मनों को दुनिया भर में ढूंढ-ढूंढ कर खत्म कर देता है। जासूसी की दुनिया में मोसाद को किलिंग मशीन भी कहा जाता है। सारी दुनिया जानती है कि म्यूनिक ओलम्पिक के दौरान जब फिलीस्तीनियों ने इजराइल के 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी थी तब इस हत्याकांड को ब्लैक सितम्बर नाम के संगठन ने अंजाम दिया था। इसके बाद मोसाद ने हत्यारों को एक-एक करके खोज कर मार डाला था। अब इजराइल-हमास युद्ध के चलते ईरान के तेहरान में आतंकी संगठन हमास के चीफ इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई है। लेबनान के बेरूत में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कमांडर फाऊद की हत्या भी कर दी गई है। इन हत्याओं के लिए इजराइल को ही जिम्मेदार माना जा रहा है जिसने 7 अक्तूबर के हमले के बाद हमास नेताओं को ढूंढने और सजा देने की कसम खाई थी। यह हत्याएं उस समय हुई हैं जब गाजा युद्ध विराम के लिए बातचीत चल रही थी और हमास नेता इस्माइल हानिया कतर, अमेरिका और मिस्त्र की मदद से चल रही बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे थे। अब इस बात की सम्भावनाएं खत्म हो चुकी हैं कि युद्ध विराम के लिए कोई समाधान जल्द निकल सकता है।
इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरान प्रतिशोध लेने की ठाने बैठा है और फाऊद की हत्या के बाद हिजबुल्लाह भी बदले की आग में जल रहा है। इजराइल ​िजस तरह से सरहदें पार कर हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है उससे इजराइल और ​िहजबुल्लाह में सीधी जंग के आसार बन गए हैं। अगर दोनों में जंग छिड़ती है ताे न केवल पश्चिम एशिया को बल्कि पूरी दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इजराइल ने आरोप लगाया था कि हिजबुल्लाह ने हमला कर इजराइल में 12 बच्चों को मार डाला है। इसमें कोई शक नहीं कि हमास और हिजबुल्लाह मध्य पूर्व में खतरनाक चरमपंथी संगठन है लेकिन जिस तरह से इजराइल गाजा में नरसंहार कर रहा है उसे भी आंखाें से ओझल नहीं किया सकता। हिजबुल्लाह के पास डेढ़ लाख से ज्यादा राकेट और मिसाइलें हैं और उसे ईरान का सबसे अहम प्रोक्सी कहा जाता है। अगर इजराइल सीधे हिजबुल्लाह के साथ युद्ध का मोर्चा खोलता है तो उसमें ईरान भी शामिल हो सकता है। दूसरी ओर लेबनान से सटी इजराइली सीमा पर रहने वाले 70 हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं। इन लोगों की मांग है कि इजराइल हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करे।
इसी साल अप्रैल में जब इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के कॉन्सुलेट पर हमला किया था तो उसके बाद तनाव बढ़ गया था। बदले में ईरान ने इजराइल पर 300 से ज्यादा ड्रोन से हमला कर दिया था लेकिन अब और भी बड़ी जंग का खतरा मंडराता दिख रहा है। उसकी वजह ये है कि इस्माइल हानिया की मौत ईरान के लिए भी बड़ा झटका है। हानिया ईरान का मेहमान था और वो उसकी सुरक्षा करने में नाकाम रहा है। माना जा रहा है कि ईरान इस पर जरूर पलटवार करेगा। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि इस्माइल हानिया की मौत बेकार नहीं जाएगी। कनानी ने कहा, हानिया की शहादत ईरान, फिलिस्तीन और रेजिस्टेंस फोर्स का रिश्ता पहले से ज्यादा मजबूत और अटूट बनाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब ईरानी सरजमीन पर किसी की हत्या का आरोप इजराइल पर लगा है। वर्ष 2021 में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहोसन फखरीजादेह की रिमोट कंट्रोल हथियार से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 2022 में ईरान रेवल्यूशनरी गार्ड के कर्नल सियाद खोदाई की हत्या की गई थी। इन दोनों हत्याओं के लिए भी इजराइल को जिम्मेदार ठहराया गया था। इससे गाजा में जारी इजराइल और हमास की जंग अब और खतरनाक हो सकती है। हमास का कहना है कि हानिया की मौत बेकार नहीं जाएगी। माना जा रहा है कि हानिया की मौत के बाद हमास अब पहले से ज्यादा मजबूती से इजराइल को निशाना बना सकता है। इतना ही नहीं, हमास अब चाहेगा कि ईरान सीधे तौर पर इस जंग में शामिल हो जाए, क्योंकि इससे इजराइल पर ही दबाव बढ़ेगा। अगर इस जंग में ईरान भी शामिल होता है तो हमास को उम्मीद है कि वो सीजफायर समझौते में अपनी कठोर शर्तें मनवा लेगा।
वहीं, अब एक बार फिर से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है और एक बड़ी जंग का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का कहना है कि फिलहाल मध्य पूर्व में जंग का खतरा नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर ईरान हमला करता है तो अमेरिका इजराइल की मदद करेगा। कुछ जानकारों का मानना है कि ईरान इजराइल के साथ सीधी लड़ाई से बचेगा। इराक, सीरिया, लेबनान, गाजा पट्टी में कई चरमपंथी संगठनों को ईरान का समर्थन हासिल है जिसे 'प्रॉक्सी' के रूप में जाना जाता है। अगर तनाव बढ़ता है तो इजराइल के खिलाफ ईरान प्रॉक्सी वॉर बढ़ा सकता है।
स्थितियां बहुत नाजुक हैं। पश्चिम एशिया प्रतिशोध की आग में जल रहा है। सच तो यह भी है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए जंग को लम्बा खींच रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि जंग थमने पर इजराइल में चुनाव कराने पड़ेंगे और उसके बाद वे शायद दोबारा सत्ता में नहीं आए। अगर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर युद्ध को रोकने के प्रयास नहीं किए गए तो हैवानियत भरी जंग पूरी दुनिया को खतरे में डाल देगी।

आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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Aditya Chopra

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