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आठवें गुरु नानक ज्योत गुरु श्री हरिकृष्ण साहिब जी

04:10 AM Jul 17, 2025 IST | Sudeep Singh
आठवें गुरु नानक ज्योत गुरु श्री हरिकृष्ण साहिब जी

आठवें गुरु नानक ज्योत गुरु हरिकृष्ण साहिब जी, जिनका जन्म कीरतपुर साहिब में 18 सावन भाव 17 जुलाई 1656 को गुरु हरि राय साहिब जी के घर माता किश्न कौर जी की कोख से हुआ। वह गुरु हरि राय जी के छोटे पुत्र थे। उन्हें मात्र 5 वर्ष की आयु में गुरु जी ने गद्दी सौंप दी। गुरु जी के बड़े पुत्र राम राय को इस बात से काफी तकलीफ हुई और उन्होंने इसी के चलते औरंगज़ेब से इसकी शिकायत कर दी। मुगल बादशाह औरंगजेब ने राम राय का पक्ष लेते हुए राजा जय सिंह को गुरु हरिकृष्ण साहिब को उनके समक्ष पेश करने का आदेश जारी कर दिया। राजा जय सिंह ने अपना संदेशवाहक कीरतपुर भेजकर गुरु जी को दिल्ली बुलाया। पहले तो गुरु जी ने मना कर दिया, पर बाद में उन्होंने अपने गुरसिखों की बात मानते हुए और राजा जय सिंह के बार-बार आग्रह करने पर दिल्ली आने का मन बना लिया। गुरु जी के दिल्ली पहंुचने पर राजा जय सिंह ने गुरु जी का इम्तिहान लेने के लिए महल में काम करने वाली औरतों को सुन्दर वस्त्र पहनाकर गहनों से लादकर गुरु जी के सामने खड़ा कर दिया और अपनी महारानी को दासियों के वस्त्र पहनाकर दासियों की पंक्ति में खड़ा किया और गुरु जी से सैंकड़ों औरतों में से रानी को पहचानने को कहा। गुरु जी तुरन्त जाकर दासी के कपड़ों में दासी बनी बैठी रानी की गोद में जाकर बैठ गये। जिसके बाद राजा जय सिंह गुरु जी के चरणों में गिर गया और उसने गुरु जी को अपने महल में ठहराकर उनकी पूरी आव- भगत की। उसी दौरान दिल्ली में चेचक की बीमारी ने महामरी का रूप ले लिया और रोज़ाना हज़ारों लोग महामारी का शिकार होकर मरने लगे जिस पर गुरु जी ने महल में बने कुण्ड का जल अरदास करने के पश्चात लोगों को पिलाया जिससे उनकी बीमारी दूर हो गई। बीमारी का मानो पूरी तरह से खात्मा हो गया, पर अंत में गुरु जी स्वयं उसी बीमारी से ग्रस्त हो गये और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिये।
आज इस स्थान पर गुरुद्वारा बंगला साहिब सुशोभित है जहां हजारों की गिनती में श्रद्धालुगण रोजाना नतमस्क होकर पवित्र कुएं का जल पीकर अपने दुख-दर्द दूर करते हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा यहां एक मिन्नी अस्पताल रूपक डिस्पैंसरी चलाई जा रही है जिसमें मात्र 90 रुपये एमआरई की सुविधा दी जा रही है जिसके बाहर 8 से 10 हजार रुपये चार्ज किए जाते हैं। डिस्पैंसरी के चेयरमैन भुपिन्दर सिंह भुल्लर बताते हैं कि अभी तक 1 लाख से अधिक एमआरई की जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब यहां कैंसर का पता लगाने हेतु पैट स्कैन की मशीन भी लगाई गई है उसके लिए भी बहुत की कम फीस लेकर टेस्ट किया जाता है। गुरु हरिकृष्ण साहिब की ऐसी बख्शिश है संगत में विश्वास है कि यहां नतमस्तक होने से हर तरह के रोग का निवारण होता है।
करतारपुर कॉरिडोर पुनः खोलने की मांग
सिख समाज के अनेक ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चले गए जिनके खुले दर्शनों के लिए सिख समाज के द्वारा निरन्तर अरदास की जाती है। देश की मोदी सरकार के द्वारा गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर गुरु नानक देव जी के चरण छोह प्राप्त धरती करतारपुर साहिब जहां गुरु जी ने अपने आखिरी सालों में खेती करते हुए मानव जाति को किरत करने का सन्देश दिया, उसे खोलकर सिखों को तोहफा दिया था जिसके बाद से हजारों लोगों ने करतारपुर साहिब के दर्शन भी किए जबकि इससे पहले भारत की ओर से डेरा बाबा नानक से दूरबीन के द्वारा संगत दर्शन किया करती थी। मगर हाल ही में पहलगांव हमले के बाद दोनों देशों में फिर से दूरियां बढ़ गई और सुरक्षा के मद्देनजर करतारपुर कोरीडोर को भी बन्द कर दिया गया।
भारत विकास परिषद के द्वारा एक कार्यक्रम के मौके पर देश के गृहमंत्री अमितशाह मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे जहां बड़ी गिनती में सिख समाज के लोग उपस्थित थे। असल में बताया जाता है कि भारत विकास परिषद भले ही सरकारी संस्था हो मगर उसके गठन में मुख्य भूमिका सिख समाज और पंजा​िबयों ने निभाई थी और पंजाब से ही उसकी शुरुआत हुई थी। भारत विकास परिषद के संगठन महामंत्री सुरेश जैन एवं संपर्क कमेटी सदस्य अमनजीत सिंह बख्शी बताते हैं कि देश की आजादी के बाद से पंजाब में इन्डस्ट्री सबसे अधिक कार्यरत थी जो कि समय और हालात के चलते धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में स्थानंतरण होती चली गई। उन्हीं इन्डस्ट्रीज को चलाने वाले लोगों के द्वारा भारत विकास परिषद को हौंद में लाया गया। इसी कार्यक्रम के दौरान अमनजीत सिंह बख्शी ने गृहमंत्री अमितशाह से करतार पुर कोरीडोर को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से पहले खोलने की अपील की है जिस पर गृहमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सुरक्षा के पुख्ता प्रबन्ध होने पर इसके लिए विचार किया जाएगा।
पाकिस्तान में सिखों के अपमान पर खालिस्तानियों की बोलती बंद क्यों ?
पाकिस्तान से कुछ ऐसी वी​िडयो वायरल हो रही हैं जो कि देखने में लगता है कि किसी पाकिस्तानी फिल्म के वी​िडयो हैं जिन्हें देख कर सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। असल में इन वी​िडयो में नशे में धुत्त इन्सान सिख के भेष में पगड़ी के साथ-साथ कृपाण भी पहने हुए लड़कियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखे जा सकते हैं।
सिख मर्यादा में नशा तो दूर, कृपाण केवल वही व्यक्ति पहन सकता है जिसने अमृतपान किया हो मगर सिख मर्यादा के विपरीत जाकर गैर सिख लोगों को पगड़ी और कृपाण पहनाकर शराब के नशे में धुत्त दिखाने के पीछे लगता है कि पाकिस्ता​िनयों का मकसद सिखों को बदनाम करना है। भारत को निरन्तर कोसने वाले खालिस्तानी समर्थक पाकिस्तान की इस घटिया हरकत पर चुप्प क्यों हैं या यह कहा जाए कि पाकिस्तानी एजेन्सियांे से इनकी दुकानें चलती हैं इसलिए यह उसके खिलाफ कुछ भी नहीं बोल सकते, भले ही वह सिखी का कितना भी अपमान क्यों ना कर लें। भारत के सिखों द्वारा इसका पूर्ण रूप से संज्ञान लिया जा रहा है और देश की सरकार से अपील की है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मसले को उठाते हुए जो लोग ऐसी घटिया हरकतें कर रहे हैं उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।

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