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निर्वाचन आयोग ने भाजपा की एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार को एक पत्र भेजकर आदर्श आचार संहिता लागू रहने तक ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ के तहत नये फॉर्म भरने पर रोक लगाने को कहा है। चार मार्च को घोषित यह योजना 18 से 59 आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता उपलब्ध कराती है।
राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादे को पूरा करते हुए चार मार्च को इस योजना की घोषणा की थी और कहा था कि इस योजना पर वार्षिक 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिलेगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने 16 मार्च को कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण योजना के तहत नये लाभार्थियों को नहीं जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 1,500 रुपये प्रति माह पेंशन पाने के लिए फॉर्म नहीं भरा जा सकता क्योंकि इस पर मुख्यमंत्री की तस्वीर होती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मासिक सहायता योजना पर रोक लगाने की मांग करते हुए आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कांग्रेस नीत हिमाचल प्रदेश सरकार पर महिलाओं को गुमराह करके राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए फॉर्म पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मुख्यमंत्री की तस्वीरें लगाने का आरोप लगाया था।