पाकिस्तान में हिन्दू-सिखों का शोषण
देश के बंटवारे के बाद जहां हिन्दू सिखों के अनेक धार्मिक स्थल पाकिस्तान में रह गए जिनकी देखभाल के चलते अनेक हिन्दू सिख परिवार के लोग भी वहां से नहीं आए। मगर बेहद अफसोस कि उस मुल्क के शरारती अवसरों के द्वारा समय समय पर हिन्दू सिखों को प्रताड़ित किया जाता रहा है। इन परिवारों की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर उनके साथ निकाह किये जाने की घटनाएं भी अक्सर देखने को मिलती हैं मगर हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एक दस्तारधारी सिख युवक को कुछ पाकिस्तानीयों के सामने मुजरा रुपी अश्लील डांस करते हुए देखा गया जिससे संसार भर के सिखों के दिलों को गहरी ठेस पहुंची। सिख वह बहादुर कौम है जिसके द्वारा मुगल काल के दौरान ना सिर्फ हिन्दू परिवारों की लड़कियों को उन लोगों से बचाया जाता जो लड़कियों का व्यापार करते, उन्हें बाजारों में बेचते बल्कि मुगलों की महिलाएं अगर सिखों के संपर्क में आ जाती तो उन्हें भी बा-हिफाजत उनके परिवारों तक पहुंचाया जाता। मगर आज सिखों की लड़कियां ही पड़ौसी मुल्क में सुरक्षित नहीं हैं। इतना ही नहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद तो अब ऐसा महसूस होने लगा है कि वहां तो सिख परिवारों के लड़काें तक का शोषण होने लगा है जो गंभीर चिंतन और जांच का विषय है कि वह कौन लोग हैं जिन्होंने इस सिख युवक को इस कदर अश्लील डांस करने पर मजबूर किया। अब तो चिन्ता इस बात की भी होने लगी है कि ऐसे लोगों के द्वारा सिख युवकों से उन वस्तुओं का वितरण भी करवाया जाता हो सकता है जिनकी सिख धर्म में पूर्णतः मनाही है, क्योंकि यह लोग डांस देखते समय नशों का सेवन भी करते दिख रहे हैं। ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि यह अकेला ऐसा मामला नहीं है इस तरह के अनेक मामले अक्सर वहां घटित होते रहते हैं मगर सोशल मीडिया पर आने के चलते यह उजागर हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय सिख समुदायों ने इस वीडियो को अपमानजनक बताते हुए कहा कि यह प्रदर्शन आर्थिक मजबूरी या सामाजिक दबाव का नतीजा हो सकता है, जो सिख सम्मान को ठेस पहुंचाता है। सूत्रों के अनुसार, वीडियो में दिख रहा व्यक्ति लगभग 3-4 साल पहले ईसाई धर्म से सिख धर्म में परिवर्तित हुआ था और वर्तमान में सियालकोट में रहता है। उसे गुरुद्वारा बाबा दी बेर साहिब (सियालकोट) और गुरुद्वारा जन्मस्थान (ननकाना साहिब) में कई बार धार्मिक सेवाओं में भाग लेते हुए देखा गया है। यह वीडियो पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्यों के बीच पहुंच चुका है मगर बताया जाता है कि समिति के अध्यक्ष रमेश सिंह अरोड़ा ने समिति सदस्यों को सार्वजनिक बयान देने या संबंधित व्यक्ति की पहचान उजागर करने से बचने का निर्देश दिया है, ताकि समुदाय में नाराज़गी न फैले और आगामी गुरु नानक प्रकाश पर्व समारोहों के दौरान शांति बनी रहे।
अमेरिकी प्रवासन प्रणाली में खामियों का खालिस्तानियों को लाभ : अमेरिका जैसे देशों में प्रवासन प्रणाली में खामियों का लाभ उन लोगों को मिलता है जो बिना किसी वीजा के अवैध रुप से भारत सहित अन्य देशों से अमेरिका में प्रवेश कर अवैध रूप से रहकर कई तरह की घटनाओं को अन्जाम देते हैं। बीते दिनों अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में हुई भीषण दुर्घटना, जिसमें 21 वर्षीय जश्नप्रीत सिंह की लापरवाही से तीन निर्दाेष लोगों की मौत हो गई, ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अमेरिकी प्रवासन प्रणाली में मौजूद खामियां किस तरह अनियंत्रित और बिना जांचे-परखे लोगों को देश के भीतर खतरनाक रूप से सक्रिय होने की अनुमति देती हैं। जश्नप्रीत सिंह ने 2022 में अवैध रूप से अमेरिका-मेक्सिको सीमा पार की थी। उस समय वह कथित तौर पर ड्रग्स के प्रभाव में एक सेमी-ट्रक चला रहा था, जिससे यह भयावह हादसा हुआ।
तीन जिंदगियां खत्म हो गईं, परिवार बिखर गए, और जनता का भरोसा एक बार फिर अमेरिकी सीमा सुरक्षा और प्रवासन नीति पर से डगमगा गया। जश्नप्रीत सिंह का मामला अमेरिकी प्रवासन प्रणाली की एक गंभीर विफलता को उजागर करता है। अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के बाद उसे ‘डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी’ की “वैकल्पिक निरोध नीति” के तहत रिहा कर दिया गया था। इस नीति का उद्देश्य हिरासत केंद्रों में भीड़ को कम करना है, लेकिन व्यवहार में यह कई बार ऐसे व्यक्तियों को बिना किसी ठोस निगरानी के छोड़ देती है। इस खामी का लाभ उठाकर सिंह ने न केवल अवैध रोजगार पाया, बल्कि वाणिज्यिक वाहन चलाने का लाइसेंस भी हासिल कर लिया। यह दर्शाता है कि प्रवासन, कानून प्रवर्तन और परिवहन विभागों के बीच समन्वय की कमी किस प्रकार सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन रही है।
वैसे देखा जाए तो आज “अमेरिकन ड्रीम” उन दलालों और अपराधी नेटवर्कों का हथियार बन चुका है, जो उम्मीद से अधिक निराशा पर पलते हैं। खासकर पंजाब जैसे कृषि प्रधान इलाकों के युवा भारी रकम चुकाकर मैक्सिको या कनाडा के रास्ते जश्नप्रीत की भान्ति अनेक युवा अमेरिका पहुंचते हैं। वहां पहुंचने के बाद वे कर्ज, शोषण और असुरक्षा के जाल में फंस जाते हैं इतना ही नहीं कई बार अपराधी समूहों या उग्रवादी संगठनों के चंगुल में भी।
अमेरिकी सीमा गश्ती बल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में कनाडा के रास्ते अमेरिका आने वाले भारतीयों की अवैध आवाजाही दस गुना बढ़ी है। यह प्रवृत्ति न केवल प्रवासन प्रणाली की कमजोरी दर्शाती है बल्कि यह भी कि किस तरह गुप्त गिरोह “विदेश में सुनहरे भविष्य” के झूठे वादों से युवाओं को फंसाते हैं। ख़ालिस्तानी गुट, जो अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में सक्रिय हैं, लंबे समय से प्रवासी युवाओं की असुरक्षा का फायदा उठाते रहे हैं। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि ये गुट नशीली दवाओं की तस्करी, हवाला के जरिये धन हस्तांतरण और फर्जी शरण याचिकाओं के माध्यम से अपनी गतिविधियों को वित्तपोषित करते हैं।
गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों में प्रतिभाशाली अध्यापक मौजूद : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चलाई जा रही शिक्षण संस्था गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल जिनका निर्माण ही सिख बच्चों को कानवेंट स्कूलों की भान्ति शिक्षा और प्रतिभाशाली सिखों को रोजगार देना था और एक समय ऐसा भी था जब इन स्कूलों में दाखिला लेने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लग जाता और कई बार तो बड़ी बड़ी सिफारिशों के बाद भी दाखिला नहीं मिलता। ऐसा इसलिए था क्योंकि उस समय इन स्कूलों की बागडाेर जिन हाथों में थी उनके द्वारा किसी सिफारिशी टीचर की भर्ती नहीं की जाती केवल मैरिट के आधार पर ही भर्ती होती थी, वहीं अगर देखा जाए तो आज भी गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों के अन्दर अनेक प्रतिभाशाली अध्यापक मौजूद हैं जिनके द्वारा समय-समय पर स्कूल का नाम रोशन किया जाता है।
इन्हीं में से एक हैं लोनी रोड शाहदरा के पंजाबी अध्यापक स. प्रकाश सिंह गिल जिनका सहयोग मैनेजमेंट को हर धार्मिक कार्य में अक्सर मिलता है। इनके द्वारा पंजाबी के प्रचार-प्रसार के लिए भी काफी कार्य किया जा रहा है।