जैतो में धरने के दौरान किसान ने जहरीली वस्तु निगलकर की खुदकुशी
भारतीय किसान यूनियन (एकता) सिद्धूपुर द्वारा अपनी अधिकारिक मांगों को लेकर स्थानीय एसडीएम के कार्यालय के आगे पिछले 1 माह से धरने पर बैठों किसानों में से एक किसान जगसीर सिंह (50) पुत्र दयाल सिंह निवासी गांव कोटड़ा जिला बठिंडा द्वारा आज सुबह-सवेरे जहरीली वस्तु निगल कर खुदकुशी कर ली गई है
02:33 PM Dec 07, 2019 IST | Shera Rajput
Advertisement
लुधियाना- जैतो : भारतीय किसान यूनियन (एकता) सिद्धूपुर द्वारा अपनी अधिकारिक मांगों को लेकर स्थानीय एसडीएम के कार्यालय के आगे पिछले 1 माह से धरने पर बैठों किसानों में से एक किसान जगसीर सिंह (50) पुत्र दयाल सिंह निवासी गांव कोटड़ा जिला बठिंडा द्वारा आज सुबह-सवेरे जहरीली वस्तु निगल कर खुदकुशी कर ली गई है, उसकी मौत के कारण वहां मौजूद किसानों में गुस्से की लहर दौड़ गई।
Advertisement
Advertisement
इस घटना के बाद सूबे के प्रधान जगजीत ङ्क्षसह डल्लेवाल ने पंजाब सरकार पर बरसते हुए कहा कि किसानों की अधिकारिक मांगों को अंदेखी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जत्थेबंदी की बैठक रखी गई है और उस उपरंात ही संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएंगी।
Advertisement
उधर किसान द्वारा खुदकुशी किए जाने की खबर फैलते ही जिला एसपी (एच) भूपिंद्र सिंह और पुलिस उपकप्तान डॉ महताब सिंह (ए एस पी) अन्य पुलिस पार्टी समेत स्थानीय सेठ रामनाथ सिविल अस्पताल जैतों में पहुंचे। यही मृतक किसान जगसीर की मृत देह को रखा गया है।
बताया जा रहा है कि जगसीर सिंह शनिवार सुबह धरने में कुछ समय बैठा रहा। उसके बाद वह वहां से उठकर बाहर गया। इसी दौरान उसने कीटनाशक या कोई अन्य जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया। जब वह कुछ समय बाद वापस धरने पर आकर बैठा तो उसकी हालत खराब होने लगी, साथ में बदबू भी आ रही थी। उसे देख दूसरे किसानों को लगा कि जैसे किसान ने शराब पी है, परंतु ज्यादा हालात खराब होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
यूनियन के प्रदेश प्रधान जगजीत सिंंह डल्लेवाल ने कहा कि यह बेहद गंभीर स्थित है। सरकार का रूख तानाशाही वाला है। किसान अपनी मांगों को लेकर आत्महत्या करने लगे हैंं। उन्होंने बताया मृतक जगसीर सिंह दो दिन पहले ही बठिंडा वाले जत्थे के साथ धरने में शामिल होने के लिए पहुंचा था।
वहीं, जैतो एसडीएम डॉ मनदीप कौर ने बताया कि उन्हें किसान के मृत होने की सूचना मिल गई है, परंतु किसान की मौत कैसे हुई इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
मृतक किसान डेढ़ एकड़ जमीन का मालिक था। वह अपने पीछे परिवार में दो बेटे, दो बेटियां व पत्नी छोडक़र गया है। बेटियों की शादी हो चुकी है। उक्त धरना भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में चल रहा था, पहले यह धरना जैतो थाने के समक्ष 7 नवंबर को शुरू हुआ था जो कि संघर्ष को तीखा करने के क्रम में 30 नवंबर को एसडीएम दफ्तर के समक्ष शिफ्ट करते हुए किसानों द्वारा जेल भरो अभियान के तहत गिरफ्तारियां देनी शुरू की गई।
पराली जलाए जाने की घटनाओं से उपजे संकट पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद जिले में पराली जलाने वाले किसानों पर मुकदमे दर्ज करने के मामलों में इजाफा हुआ, फरीदकोट जिले में अब तक कुल 65 किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैंं, जिसमें दो सौ से ज्यादा किसान नामजद है।
– सुनीलराय कामरेड

Join Channel