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किसानों को उत्पादीत फसलो का लागत मूल्य नही मिल रहा है : इफ्तेखार अहमद

शाहाबाद संभाग के रोहतास जिले में 2लाख टन चावल की खरीदगी होती थी जिसका इस वर्ष लक्ष्य घटाकर जिले के लिए मात्र 80हजार टन ही रखा गया था।

07:24 PM Dec 13, 2018 IST | Desk Team

शाहाबाद संभाग के रोहतास जिले में 2लाख टन चावल की खरीदगी होती थी जिसका इस वर्ष लक्ष्य घटाकर जिले के लिए मात्र 80हजार टन ही रखा गया था।

पटना : समाजसेवी सयैद इफ्तेखार अहमद उर्फ पप्पू ने केंद्र व राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले वर्ष बिहार में 40 लाख टन चावल की सरकारी खरीद हुई जिसे घटाकर इस वर्ष 12 लाख टन खरीद का लक्ष्य ही रखा गया था। अकेले धान का कटोरा कहे जाने वाले शाहाबाद संभाग के रोहतास जिले में 2लाख टन चावल की खरीदगी होती थी जिसका इस वर्ष लक्ष्य घटाकर जिले के लिए मात्र 80हजार टन ही रखा गया था।

30 लाख टन चावल खरीद की सीमा बढ़ा कर अपनी पीठ खुद थपथपाती रही है। श्री पप्पू ने कहा कि जब कि हकीकत यह है कि केंद्र की मोदी सरकार व बिहार की नीतीश सरकार अब भी किसानों के साथ धोखेबाजी ही कर रही है। जब पूर्व में खरीद ही 40 लाख टन था तो खरीद का लक्ष्य 12 लाख टन से बढ़ा कर 30 लाख टन बताना बड़ा धोखा नहीं तो और क्या।

धान के समर्थन मूल्य रु 1750 प्रति क्विंटल पर कहीं भी धान की खरीदारी नहीं हुई। 1200 रु तो कहीं 1300 रु में खरीद की जा रही है। जबकि एक क्विंटल धान उत्पादन में किसानों का औसत खर्च रु 1150 से रु 1250 आता है ऐसे में किसानों की आमदनी खत्म है। किसान कमायेगा क्या किसान खायेगा क्या किसान जमा क्या करेगा किसान लोन क्या भरेगा, किसानों को ऐसे मरते नहीं छोड़ा जा सकता।

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