हिमाचल में CBSE स्कूलों के शिक्षकों का बनेगा अलग कैडर, एक जनसभा के दौरान बोले CM सुक्खू
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोलन जिले के ममलीग में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है।
Himachal Pradesh News: शिक्षा में बड़े बदलाव
मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश देश में शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में 21वें स्थान पर था, जबकि वर्तमान सरकार के कदमों से यह रैंक अब 5वें स्थान पर पहुँच गई है। उन्होंने कहा कि पहले शिक्षकों के बार-बार तबादलों से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती थी, लेकिन अब इस पर नियंत्रण किया गया है।
उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए कई स्कूल खोले थे, जिन्हें वर्तमान सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया है। इसके बजाय हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं ताकि ग्रामीण बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े और वे आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर सकें। ममलीग में भी ऐसे स्कूल का निर्माण शुरू हो गया है।
Himachal Pradesh: CBSE स्कूलों के लिए अलग शिक्षक कैडर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को राष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाने के लिए 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई पैटर्न पर विकसित किया जा रहा है। इन स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति अलग कैडर के अंतर्गत की जाएगी। साथ ही, छात्रों के लिए विशेष ड्रेस कोड भी लागू होगा। उन्होंने बताया कि अब सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दी गई है ताकि विद्यार्थी प्रतिस्पर्धी माहौल में आगे बढ़ सकें।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
सुक्खू ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है और आधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने केवल भवन निर्माण पर ध्यान दिया, लेकिन सुविधाएं और स्टाफ नहीं दिया गया, जिससे जनता को परेशानी झेलनी पड़ी।
राज्य सरकार अब एम्स दिल्ली की तर्ज पर स्वास्थ्य संस्थानों में नई तकनीक ला रही है। इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अटल सुपर स्पेशियलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की जा चुकी है। इसके अलावा शिमला, टांडा और चमियाणा में ऑटोमेटेड लैब स्थापित करने के लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। गाय के दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 51 रुपये और भैंस के दूध का 61 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों जैसे गेहूं, मक्की, जौ और हल्दी को ऊँचे दामों पर खरीदा जा रहा है, जिससे किसानों को उचित लाभ मिल रहा है।
पारदर्शिता और नई घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने ममलीग उप-तहसील को तहसील का दर्जा देने, लोक निर्माण विभाग का उपमंडल खोलने और स्कूल की छत के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 50 हजार रुपये देने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शिता के लिए राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर रही है और माई डीड परियोजना के तहत लोगों को ज़मीन की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों की नीतियों से राज्य पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, लेकिन वर्तमान सरकार पारदर्शिता और जनहित के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।
रिपोर्ट: विक्रांत सूद
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