Vishwakarma Puja 2025: 16 या 17 में से किस दिन मनाई जाएगी विश्वकर्मा पूजा, जानें पूजा विधि और इस दिन का महत्व
Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में ब्रह्मांड का पहला और महानतम वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है। विश्वकर्मा पूजा का भी हिंदू धर्म में काफी बड़ा महत्व है। विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन की जाती है। विश्वकर्मा पूजा का दिन दुनिया के सभी श्रमिकों, कारीगरों, कलाकारों और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा पूजा को करने से जीवन में बरकत होती है।
विश्वकर्मा पूजा के दिन सभी इंजीनियर, कारीगर, शिल्पकार, मजदूर और इंजीनियर अपनी मशीनों और औजारों की पूजा करते हैं जिससे उनके काम में बरकत बनी रहे। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा देवताओं के वास्तुकार और शिल्पकार हैं। हर साल यह पूजा बड़ी ही धूम-धाम से मनाई जाती है। इतना ही नहीं भगवान विश्वकर्मा को सभी यांत्रिक और स्थापत्य कार्यों का जनक माना जाता है। लेकिन इस बार विश्वकर्मा पूजा को लेकर लोगों में काफी कन्फ्यूजन देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं कि विश्वकर्मा पूजा इस साल 2025 में किस दिन मनाई जाएगी और इस पूजा की क्या विधि है।
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Vishwakarma Puja 2025 Date: जानें विश्वकर्मा पूजा की सही तिथि कौन सी है
हिंदू पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी। वहीं 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। इसके अनुसार इस साल 2025 में विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja Kab hai) 17 सितंबर यानी बुधवार के दिन मनाई जाएगी।
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Vishwakarma Puja Vidhi: जानें विश्वकर्मा पूजा की पूजा विधि
विश्वकर्मा पूजा के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा से पहले, सभी औजारों, मशीनों और कार्यस्थल को अच्छी तरह से साफ करें।
इसके बाद एक साफ स्थान पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति को स्थापित करें।
पूजा में फूल, अक्षत, रोली, चंदन, हल्दी, दीपक, धूप, फल और मिठाई आदि चीजें शामिल करें।
भगवान विश्वकर्मा पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करें।
इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को तिलक लगाएं और फूल माला उन्हें अर्पित करें।
इसके बाद आपके पास जो भी औजार या मशीन हैं उन पर भी तिलक लगाकर उनकी पूजा करें।
इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति पर फूल और अक्षत चढ़ाएं
इसके बाद पूजा करते समय भगवान विश्वकर्मा के मंत्रों 'ॐ विश्वकर्मणे नमः' का जाप करें।
पूजा के अंत में भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और पूजा का प्रसाद भगवान विश्वकर्मा को चढ़ाएं।
इसके बाद अंत में प्रसाद बांटें और गरीबों को दान दें।
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Vishwakarma Puja 2025 importance: जानें विश्वकर्मा पूजा का क्या है महत्व
हिंदू धर्म में, भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपनी मशीनों, औजारों और कारखानों की पूजा करते हैं ताकि उनके काम में बरकत बनी रहे। हिंदू धर्म में सृष्टि के सभी यांत्रिक और स्थापत्य कार्यों का जनक भगवान विश्वकर्मा को ही माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा को स्वर्ग लोक, द्वारका नगरी और इंद्र के वज्र के साथ-साथ कई दिव्य और चमत्कारी संरचनाओं का निर्माता कहा जाता है।
विश्वकर्मा पूजा इंजीनियरों, शिल्पकारों, कारीगरों, और मशीनों से जुड़े कार्यस्थल के लिए विशेष महत्व रखता है। पौराणिक कथाओं की मानें तो ऐसा माना जाता है कि- भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल और रथों का निर्माण किया था। भगवान विश्वकर्मा ने ही भगवान शिव के त्रिशूल के साथ-साथ विष्णु के सुदर्शन चक्र के जैसी अद्भुत संरचनाएं की है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में धन, समृद्धि और सफलता आती है।
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