For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Fifa Club World Cup : सुरक्षा पर उठे सवाल

अमेरिका में क्लब वर्ल्ड कप की सुरक्षा पर विवाद

10:32 AM Jun 15, 2025 IST | Anjali Maikhuri

अमेरिका में क्लब वर्ल्ड कप की सुरक्षा पर विवाद

fifa club world cup   सुरक्षा पर उठे सवाल

गुरुवार को अमेरिका की कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डिलीट कर दी, जो उन्होंने अपने कई प्लेटफॉर्म पर शेयर की थी। ये पोस्ट अमेरिका में जल्द शुरू होने वाले क्लब वर्ल्ड कप को लेकर थी, जहां वे सुरक्षा की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि वे मैचों में सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इमिग्रेशन एजेंट भी मौजूद रहेंगे। लेकिन कई लोगों को लगा कि ये संदेश अप्रवासी फैंस को डराने के लिए है, खासकर ट्रंप प्रशासन के सख्त नियमों के बाद।फ्लोरिडा इमिग्रेंट कोएलिशन के थॉमस कैनेडी ने कहा कि इस तरह के बयान से कई लोग मैच देखने नहीं आएंगे क्योंकि उन्हें अपनी कागजी कार्रवाई को लेकर चिंता होगी। ये चिंता इसलिए ज्यादा है क्योंकि यह टूर्नामेंट अमेरिका में अगले बड़े खेल आयोजनों — 2026 फीफा वर्ल्ड कप और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक्स — के लिए एक तरह से टेस्ट होगा।

दुनिया में सबसे ज्यादा पैसा खेलों से अमेरिका में आता है, इसलिए यहां फुटबॉल भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। पिछले साल भी टी20 वर्ल्ड कप का कुछ हिस्सा अमेरिका में हुआ था, और अब मेजर लीग क्रिकेट भी वहां हो रहा है।हालांकि ट्रंप ने ऐसी नीति लागू की है जिससे कई देशों के लोगों को अमेरिका आने पर पाबंदी लगाई गई है। इसमें अफगानिस्तान, ईरान और वेनेजुएला जैसे देश भी शामिल हैं। फीफा और ओलंपिक कमेटी ने कहा है कि वर्ल्ड कप और ओलंपिक्स के लिए कुछ छूट दी गई है, लेकिन अमेरिका तय करेगा कि कौन टीम के लिए जरूरी है और किसे एंट्री मिलेगी। फैंस के लिए कोई खास नियम नहीं है कि वे कैसे आ पाएंगे।फीफा के अध्यक्ष जियानी इंफेंटिनो ने कहा है कि यह टूर्नामेंट फुटबॉल को यूरोप से बाहर भी फैलाएगा और दुनिया भर की टीमों को मौका देगा। इस टूर्नामेंट में कुल 32 टीमें होंगी, जिसमें यूरोप, दक्षिण अमेरिका, एशिया, अफ्रीका, ओशिनिया और नॉर्थ अमेरिका की टीमें शामिल हैं।

लेकिन कुछ लोग इसे सिर्फ इंफेंटिनो का अपना शो बताते हैं, जिससे फीफा को ज्यादा पैसा मिलेगा और उनकी पकड़ मजबूत होगी। इस टूर्नामेंट का उत्साह भी कम है, खिलाड़ी इसे ज्यादा थका देने वाला मानते हैं। कई क्लब अपने सबसे अच्छे खिलाड़ी नहीं खेलाएंगे, जिससे मैच की क्वालिटी कम हो सकती है।टिकटों की बिक्री धीमी है और स्पॉन्सर भी ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे। ब्रॉडकास्टिंग के अधिकार भी कम दामों में बेचे गए हैं। आखिर में, DAZN नाम के स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने इसे 1 बिलियन डॉलर में खरीद लिया। सऊदी अरब के निवेश फंड ने DAZN का 10% हिस्सा खरीदा है, और सऊदी अरब 2034 फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा।

रविवार को जब लियोनेल मेसी की टीम इंटर मियामी मिस्र की टीम अल अहली से खेलेगी, तो फुटबॉल मुख्य मुद्दा होगा। लेकिन इसके पीछे की राजनीति छुपी रहेगी। यह टूर्नामेंट दिखाएगा कि अमेरिका में फुटबॉल कितना लोकप्रिय होता है और वहां बड़े खेल आयोजन कितने सफल होते हैं।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Anjali Maikhuri

View all posts

Advertisement
×