बजट में वित्तमंत्री ने रखा कॉरपोरेट फार्मिंग का रोडमैप : कृषि विशेषज्ञ
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ मोदी सरकार ने आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 16 सूत्री कार्यक्रम पेशकर कॉरपोरेट व कंट्रैक्ट फार्मिग के लिए एक रोडमैप पेश किया है
05:21 PM Feb 01, 2020 IST | Shera Rajput
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ मोदी सरकार ने आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 16 सूत्री कार्यक्रम पेशकर कॉरपोरेट व कंट्रैक्ट फार्मिग के लिए एक रोडमैप पेश किया है, हालांकि कृषि क्षेत्र के बजटीय आवंटन में वृद्धि की जितनी उम्मीद की जा रही थी, उतनी वृद्धि नहीं देखने को मिली।
कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा ने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि किसान और खेतिहर मजदूरों को डायरेक्ट इनकम सपोर्ट को लेकर सरकार कोई बड़ी घोषणा करेगी क्योंकि आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए ग्रामीण उपभोग बढ़ाने की बात की जा रही थी और आर्थिक सर्वेक्षण में भी कहा गया है कि 70 फीसदी ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर करती है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि सरकार ने 16 प्वाइंट का एक्शन प्लान पेश कर इस बजट में कॉरपोरेट फार्मिग का रास्ता दिखाया है।’
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश किया जिसमें कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के लिए 1,34,400 करोड़ रुपये दिया गया है जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में विभाग का बजट 1,30,485 करोड़ रुपये था। इस प्रकार कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के बजट में महज तीन फीसदी की वृद्धि की गई है। वहीं, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा का बजटीय आवंटन 8,074 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8,363 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वित्तमंत्री ने कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुल 4.06 लाख करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की। इस रकम में कृषि व संबद्ध क्षेत्र के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये जबकि ग्रामीण विकास और पंचायती राज के मदों के लिए 1.23 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।
शर्मा ने कहा कि उम्मीद की जाती थी कि इस बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को दी जाने वाली सालाना 6,000 रुपये की राशि बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
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