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ढाडी परंपरा के वारिस लोक गायक ईदू शरीफ को किया गया सुपुर्द-ए-खाक

पंजाब की परंपरागत गायकी और ढाडी गायन की परंपरा के वारिस मोहम्मद शरीफ ईदू, जोकि ईदू शरीफ के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध थे, की मृतक देह को आज उनके नाभा स्थित पैतृक गांव ललोडा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

02:29 PM Jan 08, 2020 IST | Shera Rajput

पंजाब की परंपरागत गायकी और ढाडी गायन की परंपरा के वारिस मोहम्मद शरीफ ईदू, जोकि ईदू शरीफ के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध थे, की मृतक देह को आज उनके नाभा स्थित पैतृक गांव ललोडा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

लुधियाना-पटियाला : पंजाब की परंपरागत गायकी और ढाडी गायन की परंपरा के वारिस मोहम्मद शरीफ ईदू, जोकि ईदू शरीफ के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध थे, की मृतक देह को आज उनके नाभा स्थित पैतृक गांव ललोडा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस गमगीन अवसर पर उनके परिवारिक सदस्यों , प्रमुख शख्सियतों और प्रशंसकों समेत इलाके के बड़ी संख्या में लोगों ने उनको सजल आंखों के साथ अलविदा कहा।
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80 वर्षीय ईदू शरीफ को नमाज-ए-जनाज़ा अदा करने के बाद सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले लोकसभा सदस्य परनीत कौर द्वारा नाभा के नायब तहसीलदार कुलभूषण और पंजाब के केबिनेट मंत्री ब्रहम महिंद्रा जिनके विधानसभा हलका पटियाला देहात का गांव ललोडा है, की तरफ से उनके निजी सचिव बहादुर खां ने ईदु शरीफ की मृत देह पर दुशाला और फूल मालाएं भेंट की जबकि डिप्टी कमीश्रर पटियाला कुमार अमित की तरफ से जिला लोकसंपर्क अधिकारी स. ईश्वर सिंह ग्रेवाल ने ईदु शरीफ की मृत देह पर फूल अर्पित किए। करीब 80 वर्षीय ईदु शरीफ पिछले लंबे समय से अधरंग की बीमारी से पीडि़त थे और उन्होंने बीते दिन अपनी जिंदगी की आखिरी सांस ली। वह पिछले कुछ वर्षों से मुफलिसी की जिंदगी गुजार रहे थे। उन्हें पंजाबी लोक गायकी के बड़े सितारे के रूप में याद किया जाएगा। 
ईदू शरीफ का जन्म पटियाला की नाभा तहसील के गांव ललौड़े में हुआ था। उनके पिता ईदू खां क्षेत्र के मशहूर लोक गायक थे। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि ईदू को गायन विरासत में मिला था। अब ईदू के बेटे सुक्खी खां और पोते बिनी ने भी सुरंगी पकड़ ली है और अब वह ईदू शरीफ की साफ-सुथरी गायकी को आगे बढ़ाएंगे। 
जीवन के अंतिम दिनों में ईदू तंगहाल में रहे और गुमनामी की जिंदगी व्यतीत कर रहे थे। 2017 में पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उनके घर जाकर न सिर्फ उनका हालचाल जाना, शरीफ की दो लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी थी। ईदू को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। इनमें से राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड और पंजाब सरकार से मिला सम्मान प्रमुख है।
– सुनीलराय कामरेड
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