2 करोड़ बीमा के लिए युवक ने दोस्त को जिंदा जला डाला, फिर फैलाई खुद की मौत की खबर
रीवा : मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने 45 लाख रुपये के कर्ज से बचने और 2 करोड़ रुपये के बीमा की रकम हड़पने के लिए बेहद खतरनाक साजिश रची। आरोपी ने अपने दोस्त को शराब पिलाकर बेसुध किया और फिर उसे अपनी कार में जिंदा जला दिया। इसके बाद खुद की मौत की गलत खबर फैला दी। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब वह खुद जिंदा पकड़ा गया। पुलिस ने आरोपी युवक और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
घटना का पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राजापुर थाना क्षेत्र के सिकरी अमान के पास 29-30 जून की रात एक कार में आग लगने और विस्फोट होने की सूचना मिली। कार के अंदर से एक अधजला शव मिला, जिसके आधार पर मृतक की पहचान करने के लिए DNA सैंपल लिया गया। मृतक के भाई ने भी शिनाख्त के लिए पुलिस को सहयोग किया।
वहीं, पुलिस को शक हुआ कि शव के साथ कुछ गड़बड़ है। जांच में पता चला कि कार में आग लगने वाला मृतक असल में मृत नहीं था। सोमवार को पुलिस ने रीवा जिले के आनंदपुर गांव में आरोपी सुनील सिंह पटेल को जिंदा पकड़ा। वह अपने साढ़ू के घर में था। पुलिस भी उसे जीवित देखकर हैरान रह गई।
साजिश की कहानी
सुनील और उसकी पत्नी हेमा सिंह ने बताया कि उनके पास ब्यूटी पार्लर के लिए 45 लाख रुपये का कर्ज था। इसके साथ ही उन्होंने हार्वेस्टर खरीदा था, जिसका कर्ज चुकाने के लिए सुनील ने खुद का 2 करोड़ रुपये का बीमा कराया था। कर्ज की किस्तें चुकाने में समस्या आने लगी तो उन्होंने योजना बनाई कि किसी के मरने की खबर फैलाकर बीमा राशि हड़प ली जाए। इस साजिश को अंजाम देने के लिए सुनील ने YouTube पर ऐसे केस देखे जिसमें लोग कर्ज न चुकाने के लिए धोखाधड़ी करते थे। उसने योजना बनाई कि कोई दूसरा व्यक्ति मर जाए और बीमा की रकम हड़प ली जाए।
यह भी पढ़ें- राजनीति छोड़ने के बाद ये काम करेंगे अमित शाह, खुद किया खुलासा
दोस्त को बनाया शिकार
सुनील ने अपने इलाके में एक युवक विनय चौहान को चुना, जो शराब पीने का आदी था। 28 जून को उसने विनय से दोस्ती की और शराब पिलाकर उसे अपने साथ लिया। 29 जून की शाम को दोनों ने कार में शराब पी। बाद में सुनील ने कार की गैस सिलिंडर की पिन दबा दी और कार में कपूर डालकर आग लगा दी। विनय बेसुध था और कार में फंसा रहा। सुनील ने मौके का फायदा उठाकर बस से प्रयागराज भाग गया। पत्नी ने दावा किया कि उसका पति दुर्घटना में मारा गया है और मृतक का अंतिम संस्कार करा दिया।
पुलिस ने मामले की जांच की तो पाया कि यह पूरी साजिश थी। आरोपी दंपती के मोबाइल और आसपास के CCTV फुटेज की मदद से सुनील और हेमा को गिरफ्तार किया गया। DNA जांच के बाद ही मृतक की पहचान तय होगी। एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि यह एक सुनियोजित कांड था, जिसमें कर्ज से बचने और बीमा का लाभ लेने के लिए हत्या की कोशिश की गई। पुलिस ने इस केस की सफलता पर एसओजी टीम और राजापुर थाना पुलिस को 10,000 रुपये का पुरस्कार भी दिया है। एसपी ने कहा, "यह मामला दर्शाता है कि कुछ लोग कर्ज से बचने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। यह अपराध एक साजिश थी जिसमें दोस्त की जान ली गई। हम इस तरह की घटनाओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। आरोपी को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।"