बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बने मथुरा में कथावाचक, खुद को कहते है 'दूसरी राधा'
बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे अब एक नई भूमिका में नजर आने वाले हैं। उन्होंने भगवा पहन लिया है और मथुरा में कथावाचक बनकर कथा सुना रहे हैं।
01:45 PM Jul 27, 2021 IST | Ujjwal Jain
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बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे अब एक नई भूमिका में नजर आने वाले हैं। उन्होंने भगवा पहन लिया है और मथुरा में कथावाचक बनकर कथा सुना रहे हैं। वह अब एक ‘कथा वाचक’ है, जो चैतन्य विहार के पाराशर पीठ में वृंदावन में सात दिनों तक भगवद कथा का पाठ करते है।
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यह सात दिवसीय श्रृंखला रविवार को शुरू हुई और इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किया। प्रसिद्ध ‘कथा वाचक’ श्याम सुंदर पाराशर ने कहा कि गुप्तेश्वर पांडे ने एक वर्ष तक भगवद का अध्ययन किया और फिर ‘कथा वाचक’ के रूप में योग्यता प्राप्त की है।
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वह रोजाना तीन घंटे प्रवचन देते हैं जिसे बाद में धार्मिक चैनलों पर प्रसारित किया जाता है। गुप्तेश्वर पांडे पिछले साल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के रहस्यमयी निधन पर अपने बयानों से सुर्खियों में आए थे। बाद में उन्होंने सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और यह माना जा रहा था कि वे राजनीति में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
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पांडे सेवानिवृत्ति के बाद बड़े पैमाने पर धर्म अपनाने वाले दूसरे आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले करीब डेढ़ दशक पहले उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी डी.के. पांडा ने स्त्री रूप धारण कर लिया था और अपने आप को ‘राधा’ कहने लगे थे।
वह ‘सिंदूर’ वाली साड़ी और नोज पिन पहनकर अपने घर में घंटों डांस करते थे।
उनकी पत्नी ने उनसे तलाक मांगा और उन्होंने 2005 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली, जब उनके आचरण को लेकर विवाद शहर में चर्चा का विषय बन गया। वह अब प्रयागराज में रहते है जहां वह अपने उपदेश देते हैं और डांस करते हैं और खुद को ‘दूसरी राधा’ कहते हैं।

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