पूर्व भारतीय बल्लेबाज लक्ष्मण ने कहा- जहीर की सफलता उनके चरित्र की ताकत को दर्शाता है
लक्ष्मण ने कहा, काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें आरामदायक जोन में ला दिया
10:18 PM Jun 08, 2020 IST | Desk Team
पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने दिग्गज तेज गेंदबाज जहीर खान की तारीफ करते हुए सोमवार को कहा कि श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दर्शाया है। लक्ष्मण ने ट्विटर पर कहा, उनमें बड़े सपने देखने की हिम्मत थी और उन सपनों का पीछा करने की ठान ली थी। श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या है।
लक्ष्मण ने कहा, काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें आरामदायक जोन में ला दिया। जहीर ने अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। वह 2003 विश्वकप में आशीष नेहरा और जवागत श्रीनाथ के साथ भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा भी थे। हालांकि उसके बाद जहीर की फॉर्म बिगड़ती गई और वह चोटों से भी घिर गए और टीम से बाहर हो गए।
उन्होंने 2004 में वापसी की लेकिन गति और निरंतरता में कमी देखी गई। जिसके कारण आरपी सिंह, इरफान पठान, मुनाफ पटेल और श्रीसंत टीम में आ गए और जहीर फिर से भारतीय टीम से बाहर हो गए। हालांकि, जहीर ने इसके बाद काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलना शुरू किया। उन्होंने काउंटी के लिए पदार्पण करते हुए 10 विकेट चटकाए। यह उपलब्धि हासिल करने के लिए जहीर 100 वर्षों में पहले गेंदबाज बने। अपने सफल काउंटी कार्यकाल के बाद, उन्हें 2006 में फिर से भारतीय टीम में शामिल किया गया।
साल 2011 विश्वकप में महेंद्र सिंह धोनी ने जहीर के अनुभव का खूब फायदा उठाया और जहीर उस विश्व कप में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर थे। जहीर ने भारत के लिए 200 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 282 विकेट लिए। इसके अलावा, उन्होंने 92 टेस्ट और 17 टी 20 मैच खेले हैं, जिनमें क्रमश: 311 और 17 विकेट लिए। जहीर ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
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