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पूर्व चयनकर्ता बोर्डे का खुलासा, कहा- सचिन बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते थे, इसलिए सौरव को कप्तान बनाया गया

बोर्डे ने कहा, देखिए, अगर आपको याद हो तो हमने उन्हें कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा था। उन्होंने वहां टीम की कमान संभाली लेकिन जब लौटकर आए तो कप्तानी नहीं करनाचाहते थे। उन्होंने कहा था, नहीं मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा था कि आप कुछ लंबे समय के लिए कप्तानी करें क्योंकि हमें नए कप्तान को ढूंढ़ना होगा।

08:55 PM Jun 22, 2020 IST | Desk Team

बोर्डे ने कहा, देखिए, अगर आपको याद हो तो हमने उन्हें कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा था। उन्होंने वहां टीम की कमान संभाली लेकिन जब लौटकर आए तो कप्तानी नहीं करनाचाहते थे। उन्होंने कहा था, नहीं मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा था कि आप कुछ लंबे समय के लिए कप्तानी करें क्योंकि हमें नए कप्तान को ढूंढ़ना होगा।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि सचिन तेंदुलकर कप्तान के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ाने के इच्छुक नहीं थे और इसी कारण सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था। लेकिन अब पूर्व चयनकर्ता प्रमुख चंदू बोर्डे ने खुलासा किया है उन्होंने सचिन को टीम का कप्तान बने रहने के लिए मनाने की कोशिश की थी, लेकिन पूर्व बल्लेबाज उस समय अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते थे।
बोर्डे ने कहा, देखिए, अगर आपको याद हो तो हमने उन्हें कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा था। उन्होंने वहां टीम की कमान संभाली लेकिन जब लौटकर आए तो कप्तानी नहीं करनाचाहते थे। उन्होंने कहा था, नहीं मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा था कि आप कुछ लंबे समय के लिए कप्तानी करें क्योंकि हमें नए कप्तान को ढूंढ़ना होगा।
पूर्व चयनकर्ता प्रमुख ने कहा, लेकिन सचिन ने कहा कि वो अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं क्योंकि वह टीम के लिए वैसा नहीं खेल पा रहा हैं, जैसा वो खेलना चाहते हैं। अंत में हमने गांगुली को कप्तान चुना। इससे पहले, पूर्व भारतीय कप्तान क्रिस श्रीकांत ने कहा था,  गांगुली काफी सक्रिय थे। 
वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की काबिलियित रखते थे। जैसे 1976 में क्लाइव लॉयड ने विजेता वेस्टइंडीज टीम का संयोजन बनाया था। सौरव ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हें प्रेरित किया। इसलिए गांगुली बहुत सफल कप्तान थे, विदेशी सरजमीं पर भी। उन्होंने विदेशों में जीतना शुरू किया। गांगुली में यह काबिलियत जन्म से ही थी।
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