जम्मू से पंजाब बिना ड्राइवर ट्रेन ने तय किया 80 किलोमीटर का सफर, रेलवे ने दिए जांच के आदेश
जम्मू कश्मीर और पंजाब के बीच भारतीय रेलवे की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था। यहां एक मालगाड़ी ने बिना ड्राइवर के ही 80 किमी का सफर तय कर लिया। बिना लोको पायलट के दौड़ती ट्रेन को देख रेलवे अधिकारियों को एक तरफ किसी बड़े हादसे की आशंका सताती रही तो दूसरी तरफ यह टेंशन थी कि आखिर ट्रेन को रोका कैसे जाए। हालांकि 80 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करने के बाद पंजाब में इस ट्रेन को रोक दिया गया। आइए जानते है क्या है पूरा मामला।
बिना ड्राइवर से दौड़ने लगी ट्रेन
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार सुबह करीब 7:10 बजे की है। जम्मू के कठुआ में ड्राइवर ने मालगाड़ी संख्या 14806R को रोका था। यहां ड्राइवर ट्रेन से उतरकर चाय पीने चला गया। इसी दौरान ट्रेन अचानक चल पड़ी और स्पीड पकड़कर दौड़ने लगी। कठुवा रेलवे स्टेशन के करीबी सूत्रों का कहना है कि मालगाड़ी कंक्रीट लेकर जा रही थी। यह कंक्रीट कठुआ से लोड किया गया था। चालक और सह-चालक जब चाय के लिए रुके तो इंजन चालू था। उसी बीच सुबह 7:10 बजे ट्रेन अचानक चल पड़ी। सोर्स का कहना है कि ट्रेन से उतरने से पहले ड्राइवर ने हैंडब्रेक नहीं खींचे थे।
कई प्रयासों के बाद रूकी रेल
जब ड्राइवर ने देखा कि ट्रेन चल पड़ी है तो उसके होश उड़ गए। मामले की जानकारी तुरंत रेलवे के उच्चाधिकारियों को दी गई। रेलवे अधिकारी ने बताया कि होशियारपुर के उच्ची बस्सी के पास चढ़ाई के कारण मालगाड़ी की गति धीमी हो गई थी। इसके बाद ट्रैक पर रेत की बोरियों की मदद से उसे रोका गया। हालांकि उससे पहले किए गए कई प्रयास विफल रहे थे।
सूत्रों का कहना है कि कुछ ही देर में माल गाड़ी ने स्पीड पकड़ते हुए 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने लगी। मालूम हो, एहतियात के तौर पर पठानकोट रेलवे स्टेशन पर लाइन को क्लीयर किया गया था। पठानकोट की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को भी रोक दिया गया। इस घटना के कारण कई ट्रेन अपने समय से लेट हुई। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं हुई। रेलवे ने अब मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पहले भी हुई है ऐसी घटना
बता दें, यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई हो, इससे पहले 2017 में ऐसा मामला सामने आया था जब महाराष्ट्र के वाडी स्टेशन पर चेन्नई-मुंबई ट्रेन का बंद इंजन अपने आप चलने लगा था। उस वक्त इंजन वाली ट्रेन 13 किलोमीटर तक बिना लोको पायलट के पटरी पर दौड़ती रही थी। अचानक इंजन के आगे बढञने पर रेलवे स्टाफ ने बाइक से पीछा किया और इंजन को नलवार के पास रोकने में सफल रहा।
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