जातिगत गणना को लेकर पंजाबी समाज में रोष
NULL
नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर हरियाणा सरकार द्वारा कराई जा रही जातिगत जनगणना को लेकर जारी किये गये फार्मों को लेकर पंजाबी समुदाय में व्यापक रोष पैदा हो गया है। पंजाबी समुदाय पहले से ही परिस्थितियों से काफी क्षुब्ध है। उनका कहना है कि जारी किये गये फार्मों में वैश्य और अन्य समुदाय के अंतर्गत आने वाली 33 जातियों के नामों का उल्लेख है जबकि पंजाबी समुदाय के नाम पर केवल पंजाबी (खत्री) का उल्लेख है जबकि पंजाबी समुदाय के तहत अरोड़ा, नारंग, मल्होत्रा, चोपड़ा इत्यादि अनेक जातियां शामिल हैं। पंजाबी समुदाय ने सवाल उठाया कि क्या यह केवल तकनीकी फाल्ट है या पंजाबियों को अल्पसंख्यक दिखाने की कोई साजिश।
इस आशय के विचार पंचनद स्मारक ट्रस्ट रजि. की गवर्निंग बाडी की दिल्ली में हुई बैठक में पंजाबी बिरादरी महासभा गुड़गांव तथा राज्य के अन्य इलाकों से आए नेताओं ने प्रकट किये। उन्होंने कहा कि पंजाबियों के सम्मान और आत्मसम्मान के लिये इस सवाल पर शीघ्र हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेंगे और अपनी भावनाओं से उन्हें अवगत करायेंगे। अगर जनसंख्या के फार्मों में पंजाबी समुदाय से सम्बद्ध सभी जातियों के नाम शामिल नहीं किये गये तो वे अदालत का द्वार खटखटायेंगे और इसके लिये आन्दोलन भी करना पड़े तो किया जायेगा।
पंचनद स्मारक ट्रस्ट रजि. के सभी पदाधिकारियों ने पंजाबी समुदाय की इस मांग का समर्थन किया। बैठक मुख्य संरक्षक जगदगुरु स्वामी हंसदेवाचार्य के सान्निध्य में हुई और अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने की। बैठक में करनाल से सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा,उपाध्यक्ष एस.के. गुलाटी, डा. सुभाष खन्ना, एच.एस. चावला, महामंत्री राजीव घई, कोषाध्यक्ष हरविंद कोहली, मीडिया प्रभारी अनुराग बख्शी, दर्शन नागपाल, विनय निर्मोही, विजय ढल, श्याम बजाज, धर्म सागर, बी.डी. आहूजा और चरणजीत अरोड़ा ने भाग लिया।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ।