Gandhi Jayanti 2025 Speech in Hindi: गांधी जयंती के दिन स्टेज पर बोलें ये सरल भाषण, तालियां बजाते नहीं थकेंगे लोग
Gandhi Jayanti 2025 Speech in Hindi: हर वर्ष 2 अक्टूबर को पूरे भारत देश में गांधी जयंती मनाई जाती है, क्योंकि इसी दिन 156 साल पहले महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। गांधी जी को लोग 'बापू' और 'राष्ट्रपिता' के नाम से जानते हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इस दिन को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है। गांधी जी की अहिंसा की सोच के कारण ही संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को विशेष रूप से अहिंसा को समर्पित किया।
1944 में सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार गांधी जी को राष्ट्रपिता का नाम दिया था। गांधी जी ने शांतिपूर्ण तरीकों से भारत की आज़ादी में अहम भूमिका निभाई। लेकिन 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी विचारधारा से असहमति के चलते उनकी हत्या कर दी। ऐसे में इस दिन स्कूलों में बच्चें गांधी जयंती के लिए भाषण तैयार करते है और स्टेज पर खड़े होकर इसे प्रस्तुत करते हैं।
Gandhi Jayanti 2025 Speech in Hindi: गांधी जयंती के लिए ऐसे तैयार करें भाषण

Mahatma Gandhi Jayanti 2025: सभी को सुप्रभात। आज 2 अक्टूबर के हम सब गांधी जयंती के इस पावन अवसर पर इक्कठे हुए हैं ताकि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दे सकें। यह दिन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में भी गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उन्होंने एक साधारण परिवार में जन्म लिया, लेकिन अपने महान विचारों और कार्यों से न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया।
गांधी जी ने हमेशा सत्य और अहिंसा को अपनी ताकत माना। उनका मानना था - "आप वो बदलाव बनिए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।" उन्होंने कई ऐतिहासिक आंदोलनों जैसे दांडी यात्रा, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया, जो भारत की स्वतंत्रता की नींव बने।
गांधी जी केवल भारत तक सीमित नहीं थे। उनके विचारों से मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे महान अंतरराष्ट्रीय नेता भी प्रेरित हुए। संयुक्त राष्ट्र भी हर वर्ष 2 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाकर उन्हें सम्मानित करता है।
गांधी जी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की और बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की। लेकिन उन्होंने आरामदायक जीवन को छोड़कर खुद को देशसेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई आंदोलनों का नेतृत्व किया – जैसे चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, दलितों के अधिकारों की लड़ाई और भारत छोड़ो आंदोलन। इन आंदोलनों ने ब्रिटिश हुकूमत की नींव को हिला दिया। यही कारण रहा की भारत में आज भी उन्हें राष्ट्रपिता के रुप में जाना जाता है।

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