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Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025: किस दिन पधारेंगे बाप्पा? जानें गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

01:17 PM Aug 04, 2025 IST | Bhawana Rawat
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Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025: गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है, इस वर्ष यह पावन पर्व बुधवार, 27 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इसी दिन भक्तगण अपने घरों और पंडालों में भगवान श्री गणेश की स्थापना करते हैं, जिसे "गणेश स्थापना" कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त और स्थापना विधि क्या है।

गणेश स्थापना 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025)

Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025

गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, दोपहर 1:54 बजे
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, दोपहर 3:44 बजे
शुभ मुहूर्त (मध्यान काल): 27 अगस्त को प्रातः 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक (लगभग 2 घंटे 34 मिनट)

मध्यान काल में भगवान गणेश की स्थापना करना सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इसे ही गणेशजी का जन्म समय माना जाता है।

गणेश स्थापना का धार्मिक महत्व

Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025

गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता यानि सभी बाधाओं को दूर करने वाले और बुद्धि, समृद्धि तथा सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश की स्थापना कर उनकी पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर होती है और नए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

गणेश स्थापना के साथ 10 दिवसीय उत्सव का आरंभ होता है जिसमें हर दिन गणेशजी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, भोग अर्पित किए जाते हैं और आरती की जाती है। यह उत्सव अनंत चतुर्दशी तक चलता है, जो शनिवार, 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इसी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है।

गणेश स्थापना की विधि (Ganpati sthapana vidhi)

Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025

1. स्थान का चयन: गणेशजी की मूर्ति उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्थापित करें।
2. मूर्ति स्थापना से पहले कलश स्थापन करें।
3. भगवान को स्नान, वस्त्र और आभूषण अर्पण करें।
4. मूर्ति स्थापना के समय ‘अस्य प्राण प्रतिष्ठां तु, अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वं सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम॥’ इस मंत्र का जाप करें।
5. पंचामृत स्नान, दुर्वा, मोदक, लाल फूल, चंदन आदि अर्पित करें।
6. आरती और मंत्र – “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें।
7. दस दिनों तक नित्य पूजा करें और अंतिम दिन विधिपूर्वक विसर्जन करें।

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गणेश चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप

Ganesh Sthapana Shubh Muhurat 2025

1. ‘ॐ गं गणपतये नमः’,
2. ‘ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥’
3. ‘ॐ एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्। विघ्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥’
4. 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा:॥’
5. 'ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा:॥’

 

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Bhawana Rawat

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