गौतम गंभीर ने अनुच्छेद 370 हटाने पर बौखलाए शाहिद अफरीदी को दिया करारा जवाब
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी को भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कश्मीर के मुद्दे पर करारा जवाब दिया है।
07:42 AM Aug 06, 2019 IST | Desk Team
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी को भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कश्मीर के मुद्दे पर करारा जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया है जिसके बाद से अलग-अलग रिएक्शन आ रहे हैं।
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केंद्र सरकार के इस फैसले का गौतम गंभीर ने खुले दिल से स्वागत किया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान में बहुत बवाल मच गया है। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने भारत सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है।
बीते सोमवार को संसद भवन में अनुच्छेद पर संकल्प पत्र गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने के लिए एक अलग से विधेयक पेश किया। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को गंभीर ने ट्विटर पर टैग करते हुए ट्वीट में लिखा, जो कोई ना कर सका वो हमने कर दिखाया है। कश्मीर में भी अपना तिरंगा लहराया हैं। जय हिंद! भरात को बधाई! कश्मीर मुबारक!
कश्मीर पर भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने ट्वीट किया। गौतम गंभीर ने शाहिद अफरीदी के ट्वीट का करारा जवाब देते हुए कहा, अफरीदी एक बार फिर हाजिर हैं बिना किसी वजह से अकारण आक्रामकता के साथ। यह मानवता के खिलाफ अपराध है। इन्होंने काफी कुछ कहा, लेकिन यह बताना भूल गए कि यह सब पीओके में हो रहा है। चिंता मत करो, इसे भी सुलझाएंगे बेटा!!!
इसके साथ ही भारतीय टीम के क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी भारत सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा, अनुच्छेद 370 को हटाना ऐतिहासिक कदम है। आने वाले समय शांत और अधिक समावेशी होगा।
वहीं भारतीय टीम के पूर्व मोहम्मद कैफ ने ट्वीट करते हुए कहा, यहां अब अधिक समोवशिता है, वहां शांति और अमन हो।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान अंजुम चोपड़ा ने शाह और भाजपा को टैग करते हुए कहा, अनुच्छेद 370 को हटना सही और मजबूत कदम है। घाटी में हुए जानमाल के नुकसान पर किसी दिन फैसला होना था।
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