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गौतम गंभीर के सहायक ने बढ़ाई मुश्किलें, बीसीसीआई ने उठाए सवाल!

ऑस्ट्रेलिया दौरे में गंभीर के सहायक की भूमिका पर विवाद

08:51 AM Jan 15, 2025 IST | Nishant Poonia

ऑस्ट्रेलिया दौरे में गंभीर के सहायक की भूमिका पर विवाद

गौतम गंभीर के सहायक ने बढ़ाई मुश्किलें  बीसीसीआई ने उठाए सवाल

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम के खराब प्रदर्शन की वजह से वह आलोचनाओं का सामना कर रहे थे, और अब उनके निजी सहायक (PA) की वजह से उनकी स्थिति और अस्थिर हो गई है। बीसीसीआई ने गंभीर के सहायक की भूमिका और उनकी मौजूदगी पर कड़ा ऐतराज जताया है।

बीसीसीआई की नाराज़गी

एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान गंभीर के सहायक को चयनकर्ताओं के लिए निर्धारित कार में जगह दी गई। इससे चयनकर्ताओं को निजी चर्चा करने में परेशानी हुई। अधिकारी ने कहा, “कार में बाहरी व्यक्ति की मौजूदगी अस्वीकार्य है। यह बीसीसीआई के प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन है।”

इसके अलावा, गंभीर के सहायक को खिलाड़ियों के लिए तय किए गए पांच सितारा होटल के विशेष क्षेत्र और एडिलेड में बीसीसीआई की मेहमान दीर्घा में भी देखा गया। यह सवाल खड़ा करता है कि एक निजी सहायक को टीम के साथ इतनी विशेष पहुंच क्यों दी गई।

चैपल स्टाइल से तुलना

गंभीर के इस व्यवहार की तुलना विवादित कोच ग्रेग चैपल के “हस्तक्षेपपूर्ण” रवैये से की जा रही है। एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा, “भारत में चैपल स्टाइल नहीं चलता। कोच का काम खिलाड़ियों को प्रेरित करना और उनका समर्थन करना है, न कि चयन मामलों में हस्तक्षेप करना।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कोच को रवि शास्त्री, गैरी कर्स्टन और राहुल द्रविड़ जैसे पूर्व कोचों से सीखना चाहिए, जो टीम को प्राथमिकता देते थे।

प्रदर्शन पर सवाल

गंभीर ने जुलाई में कोच का पद संभालने के बाद से अब तक 10 में से 6 टेस्ट मैच गंवाए हैं। साथ ही, श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज़ में भी हार का सामना करना पड़ा। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान प्रमुख खिलाड़ियों के साथ उनके मतभेद की खबरें भी सामने आईं, जिससे उनकी कोचिंग पर सवाल खड़े हो गए हैं।

आगे की चुनौती

गंभीर के लिए आने वाले समय में टीम और बीसीसीआई का भरोसा जीतना एक बड़ी चुनौती बन गया है। अपनी कोचिंग रणनीतियों में बदलाव और खिलाड़ियों के साथ बेहतर संबंध बनाना उनके लिए बेहद जरूरी हो गया है।

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Nishant Poonia

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