30 नवंबर या 1 दिसंबर कब है गीता जयंती? जानें इसकी सही तारीख और शुभ मुहूर्त
Gita Jayanti Kab Hai 2025: गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से गीता जयंती का व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। क्योंकि इस दिन मोक्षदा एकादशी होती है। जैसा कि मोक्षदा एकादशी के नाम से ही आपको पता चल जाएगा कि वह एकादशी, जो मोक्ष देती है। इस बार गीता जयंती पर भद्रा का साया है और पंचक भी रहेगा। आइए जानते हैं कि इस साल कब है गीता जयंती और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।
Gita Jayanti Muhurat: गीता जयंती शुभ मुहूर्त और समय
हिंदू पचांग के अनुसार, गीता जयंती के लिए आवश्यक मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि 30 नवंबर रविवार को रात 9:29 बजे शुरू होगी। इस तिथि का समापन 1 दिसंबर सोमवार को शाम 7:01 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार, गीता जयंती 1 दिसंबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
गीता जयंती पर भद्रा का साया
इस साल गीता जयंती पर भद्रा लगेगी और पंचक भी होगा। उस दिन भद्रा सुबह 8:20 बजे से लेकर शाम 7:01 बजे तक है। भद्रा धरती पर लगेगी, इसलिए भद्रा के समय में कोई शुभ काम न करें। इस दिन पंचक सुबह 06:56 बजे से रात 11:18 बजे तक है। यह पंचक हानिकारक नहीं है।
गीता जयंती का महत्व
यह दिन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि जीवन का सबसे महान संदेश देने वाला पवित्र अवसर है। कुरुक्षेत्र के युद्ध के बीच भगवान कृष्ण ने अर्जुन को मोह, भ्रम और निराशा से निकालकर कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्ति का दिव्य उपदेश दिया। गीता जयंती के साथ ही मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप क्षीण होते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गीता का संदेश
गीता का हर श्लोक जीवन के किसी न किसी रहस्यों से जुड़ा हुआ है। इस श्लोक को पढ़ने से हमे ये सीखने को मिलता है कि हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना क्यों आवश्यक है। कठिन परिस्थितियों में भी मन को स्थिर कैसे रखें। इससे हमे सीखने को मिलता है कि कर्म करते रहो फल की चिंता बिल्कुल न करो।
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