मां जैसी कोई दूसरी चीज़ भगवान ने नहीं बनाई!
जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंसुओं से डुबडुबाई आंखों से जनता को यह पैगाम मिला कि देश और संसार की सभी मां एक समान होती हैं और उनका परम आदर, सम्मान हम सबका संस्कार ही नहीं, बल्कि धर्म होता है तो सुनने वालों की आंखों में भी आंसू तैरने लगे। वास्तव में मां चीज ही ऐसी बनाई है, भगवान ने कि उसका कोई बदल नहीं। अपनी मां को मोदी जी कितना प्यार करते हैं, इसका एक किस्सा बताते हैं, वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता और पूर्व सांसद, बापू देव दास आप्टे, जो किसी समय किसी शाखा में उनके गुरु भी रहे। मोदी के हवाले से उन्होंने बताया कि भले ही वे शाखा को समर्पित थे, और प्रायः अपनी मां हीराबेन बाई का स्मरण करते थे। मोदी ने उन्हें एक बार बताया कि भगवान ने जब मां को बनाया तो उसे अपनी गलती का आभास हुआ। आप्टे ने पूछा, ‘ऐसा क्यों?’ उस पर मोदी के कहा कि भगवान ने जब मां को बनाया तो उसको इस बात का एहसास नहीं था कि मां, उसकी जगह ले लेगी।
मोदी जी को तो लोग गालियां देते ही रहते हैं और स्वयं वे कहते हैं कि उन्हें रोज तीन किलो या इस से भी अधिक गालियां दी जाती हैं, मगर उनकी मां, जो कि आज अपना डिफेंस करने के लिए इस दुनिया में भी नहीं हैं उन्होंने किसी का क्या बिगाड़ा था, जो उन्हें कांग्रेस और आरजेडी के संयुक्त प्लेटफॉर्म से गालियां दी गई। मोदी जी ने अपना दर्द-ए-दिल एक मंच से बयान किया तो उसी मंच के कुछ तुच्छ मानसिकता वाले लोगों ने कहा कि वे मां के नाम में लोगों की भावनाओं को उभार रहे हैं। लेकिन इसमें कोई हैरानी की बात नहीं, क्योंकि भारत का विपक्ष अभिव्यक्ति की आजादी के नाम में यह वीभत्सपूर्ण पाप करता चला आया है। ध्यान रहे कि जब कांग्रेस व विपक्ष सत्ता में थे तो हिंदू महासभा, आरएसएस या भाजपा ने इनके प्रधानमंत्रियों को इस प्रकार से कभी गालियां नहीं दीं। इन गालियों के संबंध में मोदी जी ने एक बार कहा था कि गालियों के जो पत्थर, ईंटें और लाठियां मुझ पर फेंके और बजाए जाते हैं, मैं पलट कर जवाब देने के बजाय उनको उठा कर जमा कर लेता हूं और उनसे प्रधानमंत्री आवास योजना के घर बना लेता हूं।
मां के संबंध में इस्लाम से जुड़ा एक किस्सा इमाम उमैर अहमद इलियासी ने बताया कि हज़रत उमर रज़ी अल्लाह ताला अन्हू को अपनी मां से बहुत प्यार था और एक दिन उन्होंने अपनी मां से कहा-मां, आपने मेरा पालन पोषण करने के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं। मां, मैं उनका एहसान चुकाना चाहता हूं। मां यह सुन कर मुस्कुराईं और बोलीं, ‘ठीक है बेटा, ज़रा ध्यान से सुनो। एक रात की बात है कि मूसलाधार बारिश हो रही थी और हमारी छप्पर की झोंपड़ी की छत से पानी ऐसे बह रहा था जैसे बरमे या नल की टोटी खुली हुई हो। उस रात मैं ने तुम्हें ठंडे पानी से बचाने के लिए तुम्हें एक सूखे टाट के बिस्तर पर लिटाया हुआ था और अपनी पीठ पर पानी झेल रही थी। बेटा यह केवल एक रात की बात है। क्या तुम उस रात का एहसान चुका सकते हो?’ यह सुन कर हजरत उमर की आंखों से आंसुओं के नलों की टोटियां खुल गईं।
सच है, मां का एहसान कभी नहीं चुकाया जा सकता, यही कारण है कि मोदी जी, जिनका मन फूल की पंखड़ियों जैसा है, कई बार भावुक हो जाते हैं। दूसरी ओर विपक्ष इसको घड़ियाली आंसू या फोटो ऑप कह कर घृणात्मक वोट बैंक की राजनीति में ब्राउनी प्वाइंट्स बटोरने के लिए मीडिया में उछालते हैं। मगर देश याद रखे, जहां मोदीजी का दिल छूई मूई जैसा है, वहीं यह व्यक्ति इतना दमदार, दिलदार, जानदार, शानदार, कामदार, वफादार और ईमानदार है कि देश की आबरू बचाने के लिए फौलादी बन जाता है और चाहे वह जिनपिंग हों या ट्रंप, किसी के आगे नहीं झुकता।
यदि हम मोदी जी के विरुद्ध ‘गाली सियासत’ का अध्ययन करें तो पिछले ग्यारह वर्ष में उन्हें पूर्ण विपक्ष ने 211 रिकॉर्डेड गालियों, कोसा, धमकियों और बददुआओं से नवाज़ा है, जैसे - चौकीदार चोर है, गंदी नली का कीड़ा", बिच्छू", "बंदर", "गंगू तेली", "खून की खेती वाला", चाय वाला", ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’, हिटलर, ‘कुत्ते की मौत मरेगा’ आदि।
अंत में एक बार की बात है कि भगवान गौतम बुद्ध को किसी ने गाली दी तो उन्होंने बड़ा सीधा और सटीक प्रश्न गाली देने वाले से पूछा। ‘भाई यह बताइए कि अगर आप मुझे कोई तोहफ़ा दें और वह मैं लेने से इंकार कर दूं तो किसका होगा?’ गाली देने वाले ने कहा कि उसी का होगा जो भेंट कर रहा था। इस पर भगवान बुद्ध ने कहा-भाई, आपका बहुत धन्यवाद कि आपने मुझे गालियों का तोहफा दिया, मगर मुझे इसकी आवश्यकता नहीं, अतः आपको ही वापस करता हूं। उस व्यक्ति के मस्तिष्क की शराफत और रूहानियत का बल्ब रौशन हो गया और वह उनका चेला बन गया। जय हिंद।