क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर 52 साल के हुए, अद्भुत यात्रा की कहानी
सचिन के 52वें जन्मदिन पर जानिए उनके अद्भुत क्रिकेट करियर की कहानी
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने 52 वर्ष की उम्र में भी अपनी अद्भुत यात्रा से खेल प्रेमियों को प्रेरित किया है। 1989 में 16 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले सचिन ने 664 अंतराष्ट्रीय मैचों में 34,357 रन बनाए। 100 अंतराष्ट्रीय शतक और वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बनने के साथ उन्होंने मॉडर्न क्रिकेट की लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
क्रिकेट जगत के सबसे महान बल्लेबाज़ माने जानते वाले सचिन तेंदुलकर गुरुवार को 52 साल के हो गए। सचिन अपनी रनों की भूख और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ बेखौफ स्ट्रोकप्ले के लिए प्रसिद्ध है और विश्वभर में काफी सम्मानित नाम है। ये कहना गलत नहीं होगा की मॉडर्न क्रिकेट की लोकप्रियता, प्रतिस्पर्धात्मकता और व्यवसाहिक सफलता का श्रेय सचिन को ही जाता है। उन्होंने खिलाड़ियों की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है, जिनमें विराट कोहली, एमएस धोनी, वीरेंद्र सहवाग, केन विलियमसन, जो रुट जैसे उम्दा खिलाड़ी शामिल है, जो अपने खेल और आकांक्षाओं को आकार देने के लिए सचिन की प्रतिभा को श्रेय देते हैं। सचिन ने अपना टेस्ट डेब्यू 15 नवंबर 1989 को महज़ 16 साल की उम्र में किया था। उसके एक महीने बाद ही उन्होंने 18 दिसंबर को वनडे में डेब्यू किया।
अपने अद्भुत करियर के दौरान उन्होंने विभिन्न फॉर्मेट, परिस्थियों और युगों में अपनी बल्लेबाज़ी को ढाला और 664 अंतराष्ट्रीय मैचों में 48.52 की औसत से 34,357 रन बनाए। सचिन के नाम अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है, साथ ही वो 100 अंतराष्ट्रीय शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
सचिन ने टेस्ट में 200 मैच खेले और 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए, जिसमें 51 शतक शामिल हैं। वनडे में उन्होंने 463 मैचों में 49 शतकों और 96 अर्धशतकों के साथ 18,426 रन बनाए। हालांकि 2023 वनडे विश्व कप के दौरान विराट कोहली ने उनका वनडे शतक का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
कोहली ने ये रिकॉर्ड सचिन के सामने उनके ही घरेलु मैदान-वानखेड़े स्टेडियम में तोड़ा था जिसके बाद उन्होंने सचिन के प्रति अपार सम्मान जताया जो की ये दर्शाता है की केवल संख्याए सचिन जैसे दिग्गज को परिभाषित नहीं कर सकती।
तेंदुलकर 2010 में वनडे फॉर्मेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर भी बने थे। उन्होंने ये कारनामा ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था। सचिन तेंदुलकर का ICC वनडे विश्व कप जीतने का सपना 2011 में हुआ था जब मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत ने श्रीलंका को मात दी थी। उस टूर्नामेंट में सचिन भारत के शीर्ष रन-स्कोरर थे। उन्होंने नौ मैचों में 482 रन बनाए थे, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। वानखेड़े में फाइनल की वो रात उनके शानदार क्रिकेट करियर के शिखर को चिह्नित करती है। एक असाधारण किशोर से लेकर इतिहास के सबसे दिग्गज और अद्भुत क्रिकेटर बनने तक, तेंदुलकर की यात्रा ने खेल पर एक अनमोल छाप छोड़ी है।
IPL में फिक्सिंग का आरोप, पाकिस्तानी खिलाड़ी ने इंडियन क्रिकेटर पर साधा निशाना