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Govardhan Puja Ki Kahani: गोवर्धन पूजा के पीछे छिपा है एक अनोखा राज! क्या आप जानते हैं इसकी असली वजह?

01:56 PM Oct 22, 2025 IST | Bhawana Rawat
govardhan puja ki kahani  गोवर्धन पूजा के पीछे छिपा है एक अनोखा राज  क्या आप जानते हैं इसकी असली वजह
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Govardhan Puja Ki Kahani: हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। हर वर्ष यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर (बुधवार) को मनाई जा रही है। इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है। इसकी विशेष रौनक आपको मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना और नंदगाव में देखने को मिलती है।

इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है, इसके अलावा गायों का श्रृंगार करके उनकी भी पूजा होती है। गोवर्धन पूजा का पर्व प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने के लिए भी मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि गोवेर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है, गोवेर्धन पूजा की सामग्री और शुभ योग।

Govardhan Puja Samagri List: गोवर्धन पूजा सामग्री

Govardhan Puja Ki Kahani
गोवर्धन पूजा सामग्री (Image- Social Media)
  • गोबर
  • गंगाजल
  • दीपक
  • रुई की बाती
  • घी और तेल
  • फूल और माला
  • तुलसी दल
  • चावल (अक्षत)
  • दूध
  • दही
  • घी
  • शहद
  • शक्कर
  • नैवेद्य या प्रसाद
  • धूप
  • कपूर
  • अगरबत्ती
  • नए वस्त्र
  • शंख या घंटी

Govardhan Puja Kyun Manai Jati Hai: जानें क्या है पूरा रहस्य

Govardhan Puja Ki Kahani
गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा (Image- Social Media)

पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रजवासी हर साल दिवाली के बाद कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को इंद्रदेव की पूजा किया करते थे, ताकि वर्षा अच्छी और उनकी फसलें हरी-भरी रहे। एक बार जब श्री कृष्ण ने ब्रज के लोगों को इंद्रदेव की पूजा करते हुए देखा, तो उन्होंने लोगों को समझाया कि असली पूजा प्रकृति, पशुओं और गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए। श्री कृष्ण के कहने पर सभी लोगों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करना शुरू कर दिया।

इसकी खबर जब इंद्रदेव को हुई तो वह क्रोधित हो गए। उन्होंने ब्रज में भारी बारिश और आंधी-तूफान ला दिया। तब श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों और पशुओं को भारी बारिश और तूफान से बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था। जिसके नीचे सभी लोगों और पशुओं से शरण ली थी। तभी से हर साल गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। यह पर्व प्रकृति, पशु और पर्यावरण के प्रति आभार जताने का पर्व भी है।

Govardhan Puja Shubh Yog

Govardhan Puja Ki Kahani
गोवर्धन पूजा शुभ योग (Image: Social Media)

इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर प्रीति योग का संयोग बन रहा है। इन शुभ योग में श्री कृष्ण की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

पंचांग

  • सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 26 मिनट पर
  • सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 44 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

यह भी पढ़ें: कृष्ण नगरी मथुरा में 21 या 22 अक्टूबर कब है गोवर्धन पूजा? ब्रज भूमि में ये क्यों है खास

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Bhawana Rawat

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