Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

बिजली क्षेत्र में आप सरकार की लूट : गुप्ता

नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के बिजली क्षेत्र में व्यापक अनियमितताओं और व्यवस्थित लूट का आरोप लगाया है।

11:44 AM May 11, 2019 IST | Desk Team

नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के बिजली क्षेत्र में व्यापक अनियमितताओं और व्यवस्थित लूट का आरोप लगाया है।

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के बिजली क्षेत्र में व्यापक अनियमितताओं और व्यवस्थित लूट का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में बिजली कंपनियों के संबंध में आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया। इस पर उन्होंने दिल्ली में बिजली क्षेत्र के संबंध में दस मुद्दे उठाकर केजरीवाल से जवाब मांगा है। विजेन्द्र गुप्ता ने पूछा है कि दिल्ली सरकार ने बिजली के बिलों में निर्धारित शुल्क में 6 गुना बढ़ोतरी की है। वर्ष 2018 में ही केवल एक साल के अंतराल में ही प्रति कनेक्शन चार्ज 20 रुपए से बढ़ाकर 125 रुपए किए गए। इससे निम्न और मध्यम वर्ग के ग्राहकों को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

इलेक्ट्रिसिटी ट्रिब्यूनल व माननीय सर्वोच्च न्यायालय पवर परचेज एडजेस्टमेंट चार्जेज की ग्राहकों से वसूली को असंवैधानिक ठहरा चुके हैं। इन आदेशों के अनुसार ग्राहकों से वसूला गया पैसा वापस किया जाएगा। अभी भी ग्राहकों से बिजली के बिलों के माध्यम से पावर परचेज एडजेस्टमेंट चार्जेज वसूले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में दिल्ली सरकार और डिस्कॉम ने मिलकर कर्मचारियों को पेंशन भुगतान के उद्देश्य से ‘पेंशन ट्रस्ट फंड’ की स्थापना की थी जिसे वर्तमान केजरीवाल सरकार ने भंग कर दिया और ग्राहकों से पेंशन फंड के रूप में बिजली बिल का 3.8 प्रतिशत संभवतः डिस्कॉम को लाभ पहुंचाने के लिए ग्राहकों से एकत्रित कर उन्हें दंडित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में रेवा सोलर पावर प्लांट जो कि स्वच्छ और रिन्यूएबल सौर ऊर्जा पर चल रहा है, पहले से ही दिल्ली मेट्रो को 3.30 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति कर रहा है।

दिल्ली डिस्कॉम के पास भी यह सस्ती बिजली खरीदने का विकल्प उपलब्ध है, लेकिन वे अन्य स्रोतों से महंगी दर पर बिजली खरीद रहे हैं, जिसका कारण सर्वविदित है। वर्तमान केजरीवाल सरकार अपने घोषणा पत्र के अनुसार अपने वायदों को पूरा करने में विफल रही है, क्योंकिं बिजली बिलों का सरलीकरण। सभी विद्युत आपूर्ति कंपनियों का कैग द्वारा ऑडिट। विद्युत कंपनियों को सूचना के अधिकार के अंतर्गत लाना आदि।

Advertisement
Advertisement
Next Article